Noida News : अतिक्रमण हटाने गए नोएडा प्राधिकरण और किसानों के बीच संघर्ष ,मारपीट का आरोप लगाकर किसान नेताओं ने थाना घेरा

Noida News : थाना सेक्टर- 113 क्षेत्र के सोरखा गांव में अतिक्रमण हटाने गई नोएडा प्राधिकरण की टीम और किसानों में संघर्ष हो गया। किसानों का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण में तैनात पुलिस वालों ने उन्हें जमकर पीटा। इस घटना को लेकर किसान आक्रोशित हो गए तथा भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा के नेतृत्व में किसानों ने थाना सेक्टर 113 पर घेराव कर प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंचे पुलिस उपायुक्त यमुना प्रसाद ने किसानों को समझा -बूझाकर धरना शांत करवाया। बाद में किसानों का एक 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री से शाम 4:30 के करीब मुलाकात की। नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान शांत हुए।
Police Station Sector 113 Noida News : पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि थाना सेक्टर 113 क्षेत्र सोरखा का गांव में खसरा संख्या 819,834 और 835 की भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है। इसको हटाने के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण की टीम शुक्रवार को वहां पर पहुंची। पुलिस की मौजूदगी में प्राधिकरण की टीम अतिक्रमण हटा रही थी। इसी दौरान कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें वहां से हटा दिया। उन्होंने बताया कि इस बात से आक्रोशित किसान थाने पर आए। वहां पर पहुंचे पुलिस के अधिकारियों ने उन्हे समझाकर मामले को शांत करवाया।
Farmer’s Leader : वहीं किसान नेता सुखबीर खलीफा का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण में तैनात पुलिसकर्मियों ने किसानों के साथ मारपीट की और दुर्व्यवहार किया। उनका कहना है कि जिस खसरा संख्या के मालिक किसान चेतन, सोनू ,पप्पू आदि ने मुआवजा नहीं उठाया है उसे भी प्राधिकरण के लोग तोड़ रहे हैं। उन्होंने प्राधिकरण में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने मांग की है कि इस तरह के लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने बताया कि शाम 4:30 बजे के करीब उनकी मुलाकात नोएडा प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय खत्री से हुई। उन्होंने प्राधिकरण के अधिकारियों के सामने किसानो की समस्याओं को रखा। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि किसानों का उत्पीड़न नहीं होगा, तथा किसानों की जायज मांग मानी जाएगी। इसके बाद किसान नेता शांत हुए।