Noida News : थाना फेस -वन पुलिस ने रेकी करके दो पहिया वाहनों की चोरी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फेस- वन थाने की टीम ने दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। वाहन चोरों की निशानदेही पर चोरी की पांच मोटरसाइकिल और तीन स्कूटी बरामद हुई है। दोनों आरोपियों के खिलाफ दिल्ली और नोएडा के अलग-अलग थानों में छह मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह में शामिल अन्य आरोपियों के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है।
अपर पुलिस उपायुक्त मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि फेस- वन थाना प्रभारी की अगुवाई में पुलिस की टीमें सेक्टर 6 में गश्त कर रही थीं। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि दो बदमाश वाहन चोरी की घटना को अंजाम देने की फिराक में घूम रहे हैं। संदिग्ध लगने पर टीम में शामिल पुलिसकर्मियों ने दो युवकों को रोका और पूछताछ शुरू कर दी। पूछताछ के दौरान ही पुलिस को पता चला कि दोनों युवक सक्रिय वाहन चोर गिरोह के सदस्य हैं और दिल्ली-एनसीआर में 40 से अधिक वारदात कर चुके हैं। आरोपियों की पहचान फरीदाबाद निवासी 23 वर्षीय सूरज सिंह और दिल्ली के न्यू अशोक नगर निवासी हर्ष पांडेय के रूप में हुई है। सूरज बीकॉम की पढ़ाई कर चुका है जबकि हर्ष बीए कर रहा है। बरामद मोटरसाइकिल और स्कूटी में से छह वाहन हर्ष और सूरज ने नोएडा के अलग-अलग स्थानों से ही चोरी किए थे। आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत भी कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। अन्य जगहों से भी आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है।
ओएलएक्स पर बेचते थे वाहन:
अपर उपायुक्त ने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि आरोपी बाइक चोरी करने के बाद उसके फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। इसके बाद उसे ओएलएक्स साइट पर अपलोड करते थे। ग्राहक मिलने पर उसे बेचते थे। मिले पैसों को आपस में बांटकर मौज मस्ती करते थे। इन्होंने अपनी आय का जरिया ही वाहन चोरी की घटना को बना रखा था। कुछ वाहन आरोपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सुदूर गांवों में रहने वाले लोगों को कम दाम में मजबूरी बताकर भी बेच देते थे। चोरी के जो वाहन लंबे समय तक बिक नहीं पाते थे आरोपी उसे कबाड़ी को बेच देते थे। आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास बीते पांच महीने से हो रहा था।
चार साल से वारदात कर रहे आरोपी:
एसीपी अरविंद कुमार ने बताया कि आरोपी बीते चार सालों से चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। नोएडा में पहली बाइक बदमाशों ने 2022 में चोरी की थी। इससे पहले आरोपी कभी जेल नहीं गए थे। चोरी की नई बाइक को 15 से 20 हजार, पुरानी बाइक को नौ से 12 हजार और स्कूटी को 15 हजार रुपये में आरोपी बेचते थे। सूरज की मुलाकात उसके बहनोई ने हर्ष से पहली बार कराई थी। गिरोह में कई अन्य सदस्यों के शामिल होने की जानकारी पुलिस को मिली है। पुलिस चोरी के वाहन खरीदने वाले लोगों के बारे में भी जानकारी जुटा रही है।
सेक्टर आठ में बना रखा था गोदाम:
बाइक चोरी की घटना के बाद आरोपी उसे सेक्टर-8 के एफ-6 पर बने खंडहर में ले जाते थे। वहीं उसे खड़ा करते थे। जब भी ग्राहक मिलता था वहीं से बाइक लाकर उसे बेचते थे। हाल ही में दोनों बदमाशों ने एक बाइक की फोटो ओएलएक्स पर अपलोड की। जिसकी शिकायत पर पुलिस ने सर्विलांस टीम को सक्रिय किया और वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए विशेष टीम गठित की गई।