Greater Noida News : सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने लगाई रोक

Aug 13, 2025 - 12:56
Greater Noida News : सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने लगाई रोक
सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री पर गौतम बुद्ध नगर जिला प्रशासन ने लगाई रोक

Greater Noida News : जनपद गौतम बुद्ध नगर प्रशासन ने अंसल ग्रुप के सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट (Sushant Megapolis Project) की रजिस्ट्री पर रोक लगा दी है। बुलंदशहर-खुर्जा विकास प्राधिकरण ने पत्र लिखकर रजिस्ट्री रोकने का आग्रह किया था। प्रोजेक्ट अंसल एपीआई बिल्डर का है जो यूपी रेरा में पंजीकृत नहीं है। बिल्डर ने बकाया धनराशि जमा कराकर समय विस्तार भी नहीं लिया है। मानचित्र भी स्वीकृत नहीं है। आरोप है कि प्रोजेक्ट में अवैध रूप से प्लॉट व फ्लैट बेचे जा रहे हैं। रजिस्ट्री बंद होने से अवैध बिक्री पर रोक लगेगी।

ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर जिले की 1660 एकड़ जमीन पर सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। प्रोजेक्ट उत्तम स्टील एंड एसोसिएट्स कंपनी के नाम से हैं जबकि अंसल हाईटेक टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड इसको बना रहा है। दोनों कंपनी अंसल ग्रुप की हैं लेकिन प्रोजेक्ट अब तक पूरा नहीं हो सका है। इसमें हजारों खरीदार फंसे हैं। 2007-08 में बिल्डर ने सरकार के साथ हाइटेक टाउनशिप बनाने का करार किया था लेकिन तय समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका।

प्राधिकरण ने बिल्डर को संशोधित डीपीआर और समय विस्तार लेने का समय दिया। इसके लिए बिल्डर को 13.28 करोड़ रुपये जमा करने थे। एक साल बाद बिल्डर ने केवल 1.32 करोड़ रुपये जमा किए। पैसा जमाकर बिल्डर को समय विस्तार लेने के साथ प्रोजेक्ट के मानचित्र को स्वीकृत कराना था लेकिन बिल्डर ने ऐसा नहीं किया।

एनसीएलटी में मामला, फिर भी बेच रहा फ्लैट-भूखंड

एनसीएलटी में जाने के बाद इस साल 25 फरवरी को आईआरपी नियुक्त कर दिया गया। आरोप है कि उसके बाद भी बिल्डर प्रोजेक्ट में भूखंंड और फ्लैट बेच रहा है जो अवैध है। इस पर बुलंदशहर प्राधिकरण ने डीएम को पत्र लिखकर रजिस्ट्री रोकने का आग्रह किया था। अब प्रशासन ने प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री रोक दी है।

गौतमबुद्ध नगर के छह गांव की जमीन पर सुशांत मेगापोलिस प्रोजेक्ट निर्माणाधीन है। इनमें दतावली, बील अकबरपुर, भोगपुर, बोड़ाकी चमरावली, रामगढ़, कैमराला चक्रसेनपुर शामिल हैं। अब इन गांव की जमीन पर प्रोजेक्ट से जुड़ी किसी भी तरह की रजिस्ट्री नहीं होगी। प्रोजेक्ट से ग्रामीण भी परेशान हैं। उनकी भी मांगों को पूरा नहीं किया गया। वे लगातार आंदोलन कर रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बिल्डर ने वर्ष 2013 में ग्रेनो प्राधिकरण की तर्ज पर किसानों को मुआवजा व भूखंड देने का वादा किया था लेकिन कुछ नहीं किया।

एआईजी द्वितीय, गौतमबुद्ध नगर ब्रिजेश कुमार ने बताया कि अंसल ग्रुप के प्रोजेक्ट की रजिस्ट्री दादरी सब रजिस्ट्रार कार्यालय में हो रही थी। बुलंदशहर-खुर्जा प्राधिकरण के पत्र पर फिलहाल रजिस्ट्री रोक दी गई है। प्रोजेक्ट में बिक्री को अवैध बताया है। शासन स्तर से अगर कोई दिशा-निर्देश आते है तो उस पर आगे कार्रवाई की जाएगी।