Holika Dahan 22024 : जाने कब है होलिका दहन और क्यों मनाया जाता है
Holika Dahan 2024 : होलिका दहन हिंदू माह फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसके अगले दिन रंगों का त्योहार (जिसे धुलेंडी, धुलंडी और धूलि भी कहा जाता है) मनाया जाता है। होली का उत्सव बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस वर्ष होलिका दहन 23 मार्च को मनाया जायेगा।
Holika Dahan 2024 :
होलिका दहन उत्सव के पीछे की पौराणिक कथा
हिंदू पुराणों के अनुसार, जब हिरण्यकश्यप (राक्षसों के राजा) ने देखा कि उसका बेटा प्रह्लाद भगवान विष्णु की पूजा करता है, तो वह वास्तव में क्रोधित हो गया। उसने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि में बैठने का आदेश दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं जल सकती। हालाँकि, चीजें योजना के अनुसार नहीं हुईं। आग में होलिका जलकर राख हो गई और विष्णु भक्त प्रह्लाद को कुछ नहीं हुआ। इसी घटना की स्मृति में होलिका दहन (होलिका मानकर आग जलाना) करने का विधान है। होली का त्योहार संदेश देता है कि सर्वशक्तिमान इसी प्रकार अपने भक्तों की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।
होलिका दहन का इतिहास
होली का वर्णन बहुत पुराने समय से देखने को मिलता है। प्राचीन विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी में 16वीं शताब्दी की एक तस्वीर मिली है। यह छवि होली के उत्सव को दर्शाती है। इसी तरह विंध्य पर्वत के निकट स्थित रामगढ़ में 300 ईसा पूर्व का एक पुराना शिलालेख मिला है, जिसमें होली के बारे में वर्णन है। कुछ लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना नामक राक्षसी का वध किया था। उनकी जीत का जश्न मनाते हुए गोपियों ने उनके साथ होली मनाई।