Ghaziabad News : सन्यास आश्रम में युवा संस्कार समारोह का आयोजन, बच्चों ने व्यायाम का किया प्रदर्शन
Ghaziabad News : केन्द्रीय आर्य युवक परिषद एवं शंभू दयाल दयानन्द वैदिक सन्यास आश्रम के संयुक्त तत्वावधान में सन्यास आश्रम दयानन्द नगर गाजियाबाद में युवा संस्कार समारोह आयोजित किया गया। आचार्य महेन्द्र भाई ने यज्ञ करवा कर 150 युवकों को यज्ञोपवीत धारण करवाया।
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कार्यक्रम में मुख्य अतिथि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार बन्द होने चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को हस्तक्षेप करके हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। बांग्लादेश के हिन्दू बहुल क्षेत्र को हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए। जिस प्रकार 1947 में आबादी के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था। उसी प्रकार से हिन्दुओं को हिंदू राष्ट्र दिया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी सुसंस्कारवान बने इसके लिए परिषद कटिबद्ध है। परिषद युवाओं को देश भक्त बनाने का अभियान तीव्र गति से चलाएगी।
स्वदेशी आयुर्वेद के निदेशक डा. आरके आर्य ने राष्ट्रीय ध्वजरोहण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति का निज जीवन समाज के लिये आदर्श होना चाहिये। आपके जीवन को देखकर ही व्यक्ति आपके अनुगामी बनेंगे। उपनयन का अर्थ है समीपता को प्राप्त करना, आचार्य की समीपता को प्राप्त करके बालक शिक्षा द्वारा अपने जीवन को समुन्नत करता है, शिक्षा व्यक्ति को काम करने में समर्थ बनाती है। उपनयन संस्कार जीवन निर्माण की आधारशिला है। यज्ञोपवीत के तीन धागे स्वजीवन को समुन्नत बनाना तथा राष्ट्र के लिये भावी सन्तति समुन्नत बना कर देने के व्रत का प्रतीक हैं।
यज्ञ के ब्रह्मा आचार्य महेन्द्र भाई ने युवा पीढ़ी को संबोधित करते हुये कहा कि यज्ञ से त्याग व उपकार की भावना जागृत होती है। यज्ञोपवीत हमारी पुरातन गौरवशाली संस्कृति का आधार है। समारोह में आर्य जनों ने भाग लेकर महर्षि दयानन्द के पदचिन्हों पर चलने, नशा मुक्त समाज की स्थापना करने एवं बीड़ी-सिगरेट, अंडा मांस, शराब तथा गुटके से दूर रहने का संकल्प लिया।
परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष एवं मंच संचालक योगी प्रवीण आर्य ने कहा कि धर्म समाज को जोड़ता है, तोड़ता नही। वैदिक धर्म सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करता है। पारिवारिक सद्भावना के बिना जीवन सफल नहीं हो सकता। समाज का उत्थान-राष्ट्र का उद्धार नहीं हो सकता। श्रेष्ठ संस्कारों से ही युवा पीढ़ी उत्थान के शिखर पर पहुंच सकती है। समारोह अध्यक्ष देवेन्द्र आर्य ने कहा कि संस्कारों से ही व्यक्ति महान बनता है।
आश्रम के उपाध्यक्ष स्वामी सूर्यवेश ने कहा कि आज फिर समाज में पाखंड और अन्ध विश्वास बढ़ रहे है जिसका भोले भाले लोग शिकार हो जाते है। आर्य जनों को चाहिए कि वो समाज में इन बुराइयों को दूर करने के लिए मैदान में आगे आएं। सुप्रसिद्ध गायक मास्टर विजयेंद्र एवं यज्ञवीर चौहान द्वारा गाये गए अद्भुत भजनों ने लोगों को झूमा दिया। राष्ट्रीय संगठन मंत्री सौरभ गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया। समारोह में युवाओं एवं युवतियों द्वारा सुन्दर व्यायाम का प्रदर्शन आकर्षण का केन्द्र रहा। कार्यक्रम के दौरान अश्रमाचार्य जितेन्द्र आर्य, सुरेश आर्य, देवेन्द्र आर्य बन्धु, राम कुमार गुप्ता, सुरेश आर्य, प्रमोद चौधरी, भूपेन्द्र सिंह, वेद व्यास, एनके आर्य, सुनील गर्ग, अरुण आर्य, सुभाष शर्मा, मंगल सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहें।