Noida News : बुजुर्गों की लाठी बन रही है नोएडा पुलिस, ऑपरेशन सवेरा के तहत हो रहा है उनका सत्यापन और रजिस्ट्रेशन
Noida News : भारत के हाईटेक शहर नोएडा में आलीशान कोठियों , हाईराइज सोसाटियों ,गांवों से लेकर जेजे कालोनी तक में रहने वाले बुजुर्गों का सहारा नोएडा पुलिस बनेगी। इन दिनों खुद को अकेला और असुरक्षित महसूस करने वाले बुजुर्गों को पास खुद पुलिस पहुंच रही है, और उनके पास बैठ कर एक कप चाय की चुस्कियों के साथ उनका हालचाल ले रही है। उनके दुखदर्द को साझा कर रही है। यह सब हो रहा है ऑपरेशन सवेरा के तहत।
इस अभियान की शुरूआत यूपी पुलिस के मुखिया प्रशांत कुमार के निर्देश पर कमिश्नरेट में 21 मई से शुरू हो चुकी है। अभियान चार जून तक चलेगा। गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट के तीनों जोन में भी इसकी शुरूआत हो चुकी है। बीट सिपाहियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अकेले रहने वाले बुजुर्गों की सूची बनाकर उनके साथ उनके घर पर दस्तक देना शुरू कर दिया है। पुलिस बुजुर्गों के साथ बैठ कर परिवार के सदस्य की तरह ही हाल चाल व उनके सुख दुख पर चर्चा कर रही है। पुलिस की इस पहल से अपने आप को अकेला महसूस करने वाले बुजुर्ग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं तथा काफी प्रसन्नचित हैं।
Operation Savera : नोएडा के सेक्टर-20, सेक्टर-15, सेक्टर-15ए, सेक्टर-14, सेक्टर-27, 28, 29, 36, 21, 25, 36,39, 40, सेक्टर-41, 42, 46, 47 के अलावा शहर के विभिन्न सेक्टर में स्थित हाइराइज सोसाटियों में ऐसे बुजुर्ग भी रहते है। जो कभी बड़े सरकारी अधिकारी, उद्योगपति, राजनेता या समाजसेवी रहे हैं। उनके बच्चे व परिवार के सदस्य दूसरो शहरों व विदेशों में नौकरी कर रहे है। यहां बुजुर्ग नौकरों के सहारे अपना जीवन काट रहे है। पैसों की कमी नहीं है लेकिन जीवन में अकेलापन है। अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है। जिनके सुख दुख को सुनने वाला कोई नहीं है। जो है उनके पास इतना समय नहीं है। ऐसे में पुलिस के ऑपरेशन सवेरा से वह उत्साहित है। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा व सेंट्रल जोन के कई गांवों से लेकर हाइराइज सोसाटियों में बुजुर्ग रहते है। जिनका ऑकड़ा भी इस ऑपरेशन सवेरा के तहत तैयार किया जा रहा है।
Operation Savera नोएडा : सेंट्रल जोन के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ऑपरेशन सवेरा के तहत सोसायटी, कॉलोनी और मोहल्लों में अकेले रहे वाले बुजुर्गों की सूची बनाई जा रही है। इसके लिए बीट सिपाहियों को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा थाने में एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा, जिसमें प्रति दिन एंट्री होगी। वहीं यह भी देखा जाएगा कि कब किस बुजुर्ग से किस पुलिसकर्मी ने बात की और उनके मोबाइल नंबर पर कॉल कर उनका हाल चाल लिया जाएगा। इससे बुजुर्ग भी अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकेंगे।
ऑपरेशन सवेरा में बीट कांस्टेबल की जिम्मेदारी सबसे अहम है। वह बुजर्ग का फोन नंबर। उनके परिवार के सदस्यों की जानकारी। उनके फोन व उनके आसपास के घर में रहने वालों के फोन नंबर भी अपने रजिस्टर में दर्ज करेंगे। इस अभियान से एक तो अकेले रह रहे बुजुर्गों का डाटा बैंक तैयार हो जायेगा ताकि भविष्य में उन्हें सुरक्षित माहौल देने के साथ साथ उनके दुख दर्द में भी पुलिस शामिल हो सकेगी। बीट कांस्टेबल के तैयार डेटा के आधार पर चौकी प्रभारी व थाना प्रभारी व उसके उपर के अधिकारी भी सप्ताह या माह में एक बार किसी भी बुजुर्ग से फोन पर बातचीत कर उनका हालचाल ले सकेंगे।
Savera App (सवेरा ऐप) : उन्होंने बताया कि बुजुर्गों की सहायता के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग ने “सवेरा एप” शुरू की है। “सवेरा” यानि वरिष्ठ नागरिक कल्याण एवं निवारण ऐप को पुलिस ने वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए विकसित किया है। इस एप के जरिए बुजुर्ग अपनी समस्याएं से सीधे पुलिस को अवगत करा सकते हैं। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में मदद ले सकते हैं, और नियमित रूप से पुलिस से संपर्क बनाए रख सकते हैं। यह एप बुजुर्गों की सुरक्षा, संवाद और सहायता का एक सशक्त माध्यम है। उनके अनुसार पुलिस इस एप के माध्यम से बुजुर्गों से आत्मीयता का रिश्ता बनाएंगी।