Noida News : पंजाबी समुदाय के आखिरी सर्वमान्य नेता का निधन: दीपक विग

Noida News : भारत -पाक के बीच हुए बंटवारे के बाद पाकिस्तान से विस्थापित होकर दिल्ली और भारत के विभिन्न जगहों पर आकर बसे पंजाबी समुदाय के लोगों के दुख- सुख के साथी रहे भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश के प्रथम अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा के आज निधन होने के बाद पंजाबी समुदाय के लोगों में शोक की लहर फैल गई है।
Deepak Vig : गौतम बुद्ध नगर पंजाबी विकास मंच के चेयरमैन दीपक बिग ने बताया कि समाज के लोगो के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले पुरानी पीढ़ी के आखिरी पंजाबी नेता का निधन बहुत ही दुखद है। उन्होंने कहा कि पूर्व मे मेहर चंद खन्ना, ललित माखन, श्रीमती शीला दीक्षित, एचकेएल भगत, गुरुमुख निहाल सिंह, जगपर्वेश चंद्र, मदनलाल खुराना, केदारनाथ साहनी, ओपी कोहली के बाद अब विजय कुमार मल्होत्रा का निधन पंजाबी समुदाय के लिए एक असहनीय पीड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर विजय मल्होत्रा के निधन के बाद बंटवारे के बाद दिल्ली एनसीआर में पंजाबी समुदाय का जो राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में वर्चस्व और दखल था वह अब खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जितने भी शुरुआती नेता थे वे समाज मे सर्वमान्य थे, लेकिन आज के समय में जो भी इस समुदाय के प्रतिनिधित्व करने वाले नेता हैं वे विधायक, सांसद तो हो सकते हैं लेकिन पूरे समुदाय के लिए सर्वमान्य नहीं है।
Vijay Kumar Malhotra : दिल्ली नगर निगम के प्रथम चेयरमैन और दिल्ली के पहले प्रदेश अध्यक्ष , दिल्ली से दो बार सांसद रहे विजय कुमार मलहोत्रा का जन्म 3 दिसम्बर 1939 को पाकिस्तान के लाहौर मे हुआ था। वह भारत के एक राजनेता तथा शिक्षाविद थे। वे लोक सभा सांसद, खेलकूद प्रशासक व शिक्षा जगत से सम्बद्ध प्रोफेसर थे। लोग उन्हें प्रोफेसर विजय कुमार मलहोत्रा के नाम से भी जानते हैं। उन्होंने दिल्ली सदर व दक्षिणी दिल्ली से क्रमाश: 9 वीं व 14 वीं लोकसभा का प्रतिनिधित्व किया। कई संसदीय समितियों के सदस्य से लेकर अध्यक्ष रह चुके प्रोफेसर मलहोत्रा आजकल ग्रेटर कैलाश नई दिल्ली से दिल्ली विधान सभा के सदस्य थे।
उनकी गणना भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों में की जाती है। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चुनाव में हराकर पूरे देश में सनसनी फैला दी थी। उनका मंगलवार सुबह को निधन हो गया। पिछले कुछ दिन से दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। आज सुबह लगभग 6 बजे उन्होंने 94 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। मल्होत्रा ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के साथ संघ से निकलकर जनसंघ के जरिए राजनीति में कदम रखा था। मल्होत्रा ने दिल्ली में संघ की विचारधारा के विस्तार के लिए जनसंघ काल से बहुत काम किया।