Noida News : गैंगस्टर एक्ट में वांछित चल रहे आरोपी को पकड़ने पहुंची थाना सेक्टर-63 पुलिस ने बीती रात को फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर दिया। बिसरख थाना क्षेत्र स्थित गौर सिटी मॉल में जालसाजों ने ऑफिस बना रखा था। पुलिस ने गैंगस्टर में वांछित समेत तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। कॉल सेंटर के एक निदेशक और लोगों का डाटा बेचने वाले शाइन डॉटकॉम के एक कर्मी को पुलिस खोज रही है।
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सेंट्रल जोन के डीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर-63 पुलिस ने अप्रैल 2023 में एक फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने चार आरोपियों रिहान, निखिल, राहुल पांडेय और आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। ये लोग सेक्टर 63 के डी ब्लॉक में ऑफिस खोलकर नौकरी लगवाने के नाम पर लोगों से ठगी करते थे। इनके खिलाफ प्रशांत कुमार नामक युवक ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। पिछले कई माह से पुलिस गाजियाबाद के वसुंधरा निवासी रिहान को खोज रही थी। वह मूलरूप से जिला उन्नाव के गांव गोरिया कला का रहने वाला है। बीती रात को एक सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने गौर सिटी मॉल के पांचवें तल पर छापेमारी की। मौके से पुलिस ने रिहान को दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने जेल से छूटने के बाद करीब एक माह पहले ही खुले फर्जी कॉल सेंटर में काम करना शुरू कर दिया। सूचना के आधार पर पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर के निदेशक अमित सिंह सिसोदिया उर्फ अमित राणा निवासी गांव सिवाया जिला हापुड़ और कॉलर दीपांशु त्यागी निवासी मुरादनगर गाजियाबाद को गिरफ्तार कर लिया। चौथा आरोपी विवेक है वह भी इस फर्जी कॉल सेंटर में बतौर निदेशक काम करता है, जो फरार है। इस फर्जी कॉल सेंटर में रिहान और दीपांशु त्यागी कॉल करने वाले हैं। गिरफ्तार किए आरोपी नौकरी के लिए आवेदन करने वाले बेरोजगार युवाओं को कॉल करते थे। उन्हें नौकरी एवं आजीवन सदस्यता के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। पुलिस को आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, छह कंप्यूटर, पांच मोबाइल फोन, एक रिज्यूमे, एक राउटर बरामद हुआ है।
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने मिलकर करीब एक माह पूर्व से आरके इंटरप्राइज के नाम से एक ऑफिस खोला। इन्नेइन्हों नौकरी संबंधी जानकारी मुहैया कराने वाली वेबसाइट शाइन डॉटकॉम के अभय नाम के एक कर्मचारी से 25 हजार लोगों का डाटा एक लाख 20 हजार रुपये में खरीदा था। ये वह लोग थे जिन्होंने नौकरी के लिए अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर वेबसाइट पर अपलोड किए थे।