Noida News : किसानों के धरना-प्रदर्शन से उद्योग-धंधों पर प्रभाव, ट्रैफिक में फंसे लोगों ने कोसा

Noida News : विश्व पटल पर उद्योग धंधे, शिक्षा, आईटी सेक्टर, फिल्म सिटी, स्वास्थ्य और साफ सुथरे शहर के रूप में प्रसिद्ध नोएडा शहर में आजकल किसानों द्वारा जारी किए जा रहे धरना-प्रदर्शन से स्थानीय लोगों तथा देश-विदेश से यहां पर आने वाले लोगों के लिए आफत बनी हुई है। आलम यह है कि धरना-प्रदर्शन की वजह से लगने वाले जाम की वजह से देश-विदेश के लोग ट्रैफिक में फंसे रहते हैं। किसानों के प्रदर्शन के चलते यहां के उद्योग धंधे, स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं और रोजाना नोएडा से होकर विभिन्न जगहों पर आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जाम के चलते गंभीर रूप से बीमार लोग एंबुलेंस में काफी देर तक फंसे रहते हैं। स्कूली बच्चे समय से घर नहीं पहुंच पाते और उद्योग धंधों में आने वाला कच्चा माल समय से सप्लाई नहीं हो पाता, जिसकी वजह से करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं जाम में फंसे लोग पुलिस से भी उलझते देखे जाते है
आईये जानते हैं इस विषय पर शहर के कुछ लोगो के विचार
एमएसएमई संगठन के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र नाहटा ने कहा कि किसानों द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शन की वजह से करीब 3 दिन से उद्योग धंधे चौपट हैं।
उन्होंने कहा कि जगह-जगह पर किसानों के धरना के चलते बैरिकेड लगा हुआ है। जिसकी वजह से उद्योग धंधों में काम करने वाले मजदूर समय से नहीं पहुंच पा रहे हैं। कच्चे माल की सप्लाई नहीं हो पा रही है, तथा उद्योगपति अगर अपने संस्थान में जाना चाहता है तो उसे पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों को किसानों से बातचीत करके उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द हल निकाल लेना चाहिए, ताकि आए दिन होने वाले धरना-प्रदर्शन के चलते आम जनता की जो परेशानी हो रही है उसे दूर किया जा सके।
उद्योगपति अभिषेक जैन का कहना है कि किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते उनके कारखाना में उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है।
उनके अनुसार धरना-प्रदर्शन के चलते उनके यहां कच्चे माल की सप्लाई नहीं हो पा रही है, तथा उनके यहां काम करने वाले मजदूर समय से नहीं पहुंच पा रहे है। उन्होंने कहा कि आधे मजदूर ही काम पर आ पा रहे हैं। इसके अलावा तैयार माल भी नोएडा से बाहर भेजने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनके अनुसार पुलिस सुबह से ही बेरिकेट लगा देती है जिसकी वजह से दिल्ली से आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
डीडीआरडब्लूए के अध्यक्ष एनपी सिंह का कहना है कि किसानों की लड़ाई सरकार से है। वह सरकार और प्राधिकरण से लड़े। इस तरह से धरना-प्रदर्शन कर सड़क जाम करके जनता को परेशान ना करें।
उन्होंने कहा कि मैं भी किसान का बेटा हूं, किसान हूं, और किसान यूनियन में पदाधिकारी भी हूं, लेकिन इसके बावजूद यह चाहता हूं कि किसानों की जो लड़ाई है वह सरकार के साथ है, किसान और सरकार के बीच बातचीत करके इस समस्या का समाधान होना चाहिए। सभी किसान भाइयों से अनुरोध है कि वह जनता को परेशान ना करें। उन्होंने सरकार से अपील किया कि वह किसानों के साथ बातचीत करके उनकी समस्याओं का हल करें। उन्होंने कहा कि जब जाम लगता है तो उनके पास विभिन्न सेक्टरों के लोगों के फोन आते हैं, और अपनी समस्याओं के बारे में उन्हें बताते हैं। इस वजह से उन्हें शहर के हर व्यक्ति का दर्द का पता चलता है।
टूरिस्ट बस के संचालक आलोक सोलंकी ने बताया कि किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते आए दिन रोड जाम होता है।
सवारी को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ट्रैफिक में बस खड़े होने की वजह से सवारियां बस और कंडक्टर के साथ झगड़ा करने लगती है। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के चलते उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार से वार्ता कर अपनी समस्याओं का निदान करवाना चाहिए, लेकिन रास्ता जाम करके लोगों की परेशानी ना बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन के चलते स्कूली बसों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बसों में सवार बच्चे भूखे प्यासे काफी देर तक बसों में बैठे रहते हैं।
नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा के विभिन्न अस्पतालों में एंबुलेंस के संचालन करने वाले जतिन शर्मा ने बताया कि ट्रैफिक जाम के चलते सबसे ज्यादा परेशानी एंबुलेंस संचालकों को हो रही है।
उन्होंने कहा कि एंबुलेंस में सवार मरीज अत्यंत गंभीर हालत में होते हैं उनके परिजन उस समय काफी उत्तेजित रहते हैं। ट्रैफिक जाम के चलते मरीज घंटों फंसे रहते हैं। सायरन बजाने के बावजूद भी एंबुलेंस को रास्ता नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इसके चलते कई मरीजों की जनहानि हो चुकी है। उन्होंने सरकार और किसान नेताओं से अपील किया कि वह धरना-प्रदर्शन के दौरान इस बात का ध्यान रखे कि एंबुलेंस में भर्ती व्यक्ति की जान जोखिम में होती है वह एंबुलेंस को रास्ता दें।
ऑटो चालक मोहम्मद नईम ने बताया कि बताया कि किसानों के धरना-प्रदर्शन के चलते आये दिन शहर में जाम लगा रहता है। जाम में फंसे रहने से चालक तथा सवारियां दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसकी वजह से सवारियां चालकों से लड़ते-झगड़ते भी रहते है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार किसानों के आंदोलन के दौरान जाम में फंसे लोगों ने 112 पर फोन करके, सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांगी। इस दौरान जाम में फंसे बच्चे, महिलाओं, बुजुर्ग और मरीजों को पुलिस ने उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए जी तोड़ मेहनत की।