Noida News : जनपद गाजियाबाद निवासी सिविल इंजीनियर को सेक्टर-51 स्थित एक बैंक में काम करने वाले प्राइवेट कर्मी ने तीन लाख रुपये का चूना लगा दिया। पीड़ित ने क्रेडिट कार्ड सरेंडर करने के लिए आरोपी को दिया था, लेकिन आरोपी ने उनके कार्ड पर लोन ले लिया और फरार हो गया। पीड़ित की शिकायत पर थाना सेक्टर-49 पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
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पीड़ित दिनेश पंडित ने पुलिस को बताया कि वह गाजियाबाद की खोड़ा कॉलोनी में रहते हैं। वह पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। उन्होंने बताया कि छह माह पहले उनकी मुलाकात एक युवक से हुई। उसने खुद को सेक्टर-51 स्थित इंडसइंड बैंक में कर्मी बताया। उसने क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए दवाब बनाया। उसने कहा कि कार्ड निशुल्क बनेगा। कार्ड बनने के बाद पीड़ित ने सिर्फ एक बार बाइक का बीमा कराने के लिए इस्तेमाल किया। उसके बाद उपयोग न होने पर कार्ड सरेंडर करने के लिए आरोपी को सौंप दिया। उसने एक एप्लीकेशन भी लिखवा ली। इसके बाद आरोपी से कोई संपर्क नहीं हुआ। पीड़ित ने बताया कि उनके बैंक खाते में 92 हजार रुपये थे, लेकिन अब 90 हजार रुपये बकाया दिखा रहे हैं। यानि उन्हें 90 हजार रुपये और जमा करने हैं। पीड़ित के मुताबिक जब उन्होंने आरोपी से संपर्क करने का प्रयास किया तो पता चला कि वह फरार हो गया है। साथ ही पता चला कि आरोपी ने उनके क्रेडिट कार्ड पर करीब सवा लाख रुपये का लोन भी ले लिया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक से साइबर अपराधियों ने की आठ लाख रुपये की ठगी
ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक रतन लाल से सोमवार को साइबर ठगों ने आठ लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित फेसबुक से पीएनबी की एप डाउनलोड करने के दौरान ठगों के संपर्क में आए। बैंक खाते से पैसे कटने पर पीड़ित को ठगी का पता चला। पीड़ित ने मंगलवार को साइबर क्राइम थाने जाकर शिकायत की।
रतन लाल ने बताया कि वह मोबाइल पर फेसबुक देख रहे थे। इसी बीच फेसबुक पर पीएनबी एप दिखाई दी तो एप के फीचर देखे। घर बैठे ही बैंकिग सुविधा मिलने से पीड़ित ने एप को डाउनलोड कर लिया। एप में जानकारी फिल की और उसमें दिए नंबर पर काल किया तो पिन आदि की जानकारी मांगी गई। इससे पीड़ित को शक हो गया और उन्होंने आगे प्रक्रिया पूरी नहीं की लेकिन कुछ देर बाद मोबाइल पर पैसे कटने के मैसेज आए। शुरुआत में रतनलाल कुछ समझ नहीं पाए लेकिन एकाएक एप डाउनलोड पर ध्यान गया और अपने साथ ठगी होने का पता चला। तत्काल बैंक खाता बंद कराया और साइबर ग्राम थाने जाकर शिकायत की।
पीड़ित के मुताबिक ठगों ने एप डाउनलोड और बातचीत के दौरान एकाउंट संंबंधी जानकारी हासिल कर ली। नेट बैंकिंग तक पहुंच होने के चलते ठगों ने खाते से रुपये उड़ाए। उन्होंने साइबर सेल पुलिस को अपने बैंक खाते के साथ-साथ ठगों के खातों की भी डिटेल भी दी है। साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय गौतम ने बताया कि पीड़ित की शिकायत लेकर जांच कराई जा रही है। ठगों की पहचान और तलाश में टीम लगी हैं। ठगों के बैंक खातों की जानकारी करके उनकी रकम फ्रीज कराने की कार्रवाई की जाएगी।