Noida News : 30 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा 11 वर्षीय मासू
Noida News : उत्तर प्रदेश में लिफ्ट एक्ट लागू होने के बावजूद भी लिफ्ट में फंसने की घटनाएं लगातार जारी है। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट में फंसने की घटना थमने का नाम नहीं ले रही हैं। सोमवार को सुपरटेक इकोविलेज 3 सोसाइटी में एक 11 वर्षीय बच्चा लिफ्ट में करीब 25 मिनट तक फंस गया। बच्चे ने आकस्मिक नंबर पर फोन कर परिजनों को बताया। इसके बाद मेंटेनेंस कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को बाहर निकाला। लिफ्ट दो फ्लोर के बीच में फंस गई थी। लोगों का आरोप है कि मेंटेनेंस द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। लिफ्ट का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है।
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सोसाइटी के टावर बी-2 के फ्लैट नंबर 604 में रहने वाले आनंद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि उनका 11 साल का बेटा आर्यन दोपहर में करीब 3.30 बजे ट्यूशन पढ़ने के लिए जा रहा था। वह छठें फ्लोर से 18 फ्लोर पर लिफ्ट से जा रहा था। लिफ्ट 15 और 16 फ्लोर के बीच में झटका देकर रुक गई और गेट ही नहीं खुला।
गेट नहीं खुलने से बच्चा परेशान हो गया। उसने लिफ्ट का अलार्म बजाया, लेकिन कोई मदद के लिए नहीं आया। उन्होंने बताया कि बेटे ने आकस्मिक नंबर पर कॉल की। इसके बाद लिफ्ट में फंसने की जानकारी दी। बेटे से बात होने के बाद उन्होंने मेंटेनेंस टीम को सूचित किया। तब टीम के कर्मचारियों ने बेटे को बाहर निकाला। उन्होंने बताया कि बेटा अभी काफी छोटा है। लिफ्ट रुकने से वह काफी घबरा गया। जब कुछ देर तक लिफ्ट का गेट नहीं खुला, तो वह रोने लगा। इस दौरान उसे सांस लेने में भी परेशानी हुई। उनका बेटा आर्य करीब 25 मिनट तक लिफ्ट में फंसा रहा।
लोगों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मेंटेनेंस एडवांस में दिया जा रहा है। उसके बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है। सोसाइटी में दो दिन के भीतर दूसरी बार लिफ्ट फंसने की घटना हो चुकी है। उसके बाद भी प्रबंधन की ओर से कोई सीख नहीं ली गई। प्रबंधन द्वारा कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है। लोगों का आरोप है कि लिफ्ट में सिक्योरिटी अलार्म के जरिए सुरक्षा कर्मियों को हर समय नजर रखनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति लिफ्ट में फंस जाए तो उसे तुरंत बाहर निकाला जा सके, लेकिन ऐसा नहीं किया जाता
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