साइबर अपराधियों ने एक बुजुर्ग महिला डॉक्टर को डिजिटल अरेस्ट करके उनसे 45 लाख रुपए की ठगी कर ली। मुंबई से थाइलैंड भेजे गए पार्सल में ड्रग्स और फर्जी पासपोर्ट समेत अन्य दस्तावेज होने का डर दिखाकर जालसाजों ने महिला चिकित्सक को अपने जाल में फंसाया। कईप बार में महिला ने जालसाजों द्वारा बताए गए खाते में रकम ट्रांसफर की है।
पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि दिल्ली के न्यू अशोक नगर निवासी डॉ. आरती चौधरी ने नोएडा के साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह सेक्टर-49 स्थित हेल्थ क्लीनिक में चिकित्सक हैं। बीते 6 मई को आरती के पास अनजान नंबर से साढ़े नौ बजे के करीब कॉल आई। कॉलर ने खुद को फेडेक्स कुरियर सर्विस का कर्मचारी बताते हुए अपना नाम ईशान वर्मा बताया। उसने महिला चिकित्सक से कहा कि उनका जो पार्सल मुंबई से थाइलैंड भेजा गया था वह वापस आ गया है। पार्सल को कस्टम विभाग ने सीज कर दिया है। पार्सल में पांच पासपोर्ट, दो क्रेडिट कार्ड, चार किलो कपड़े, 140 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स मिला है। कॉलर ने कहा कि पार्सल में ड्रग्स होने की शिकायत मुंबई क्राइम ब्रांच में होगी और महिला के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई होगी। इसके बाद कथित फेडेक्स कुरियर कर्मचारी ने कॉल को मुंबई क्राइम ब्रांच के लिए ट्रांसफर कर दी। आगे जालसाज ने अपना नाम राजवीर और खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच से बताया। पूरी बात सुनने के बाद कहा कि महिला का विडियो कॉल के जरिए बयान रेकार्ड होगा। इसके लिए उसने महिला को एक ऐप डाउनलोड करवाया, बयान लिए और आधार कार्ड देखा। इस जालसाज ने कहा कि जांच में सामने आया है कि आपका एक अकाउंट मनी लांड्रिंग से संबधित है इसलिए जांच आगे ट्रांसफर हो रही है। आगे कॉल ट्रांसफर हुई तो तीसरे व्यक्ति ने अपना नाम आदित्य केशव बताया। यह जानकारी दी कि आपकी जांच विडियो सर्विलांस के जरिए 24 घंटे में निपट सकती है। नहीं तो मुंबई आना होगा और 90 दिनों की कस्टडी होगी। इस पर डॉक्टर डर गई और 24 घंटे में जांच निपटाने के लिए तैयार हो गई।
ऐप के विडियो कॉल के जरिए जालसाजों ने निगरानी बनाए रखी। इस दौरान जालसाजों ने महिला को फोन कॉल भी कहीं नहीं करने दी न घर से बाहर जाने दिया। फिर सभी बैंक अकाउंट की जानकारी ली और सभी अकाउंट की रकम एक बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाई। अकाउंट में जमा रकम 45 लाख रुपये एक अकाउंट नंबर देकर उसमें जांच के लिए ट्रांसफर करवाई। दावा किया कि रकम जांच के बाद वापस हो जाएगी। इस दौरान महिला चिकित्सक पर पांच लाख रुपये और ट्रांसफर करने का जब दबाव बनाया जाने लगा तो उसे ठगी की आशंका हुई।
महिला ने जब ट्रांसफर हुई रकम को वापस करने को कहा तो जालसाजों ने संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद महिला ने साइबर हेल्पलाइन 1930 और साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। मिडिया प्रभारी ने बताया कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है उन खातों की जांच की जा रही है। इस प्रकार की ठगी मुख्यत: नाइजीरियन गिरोह द्वारा की जाती है। अज्ञात जालसाजों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धाराओं में दर्ज हुआ है। वहीं पीड़िता का कहना है कि ठगी में रकम गई है वह उसके कई सालों की जमा पूंजी है।