Noida News : 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी
Noida News : नोएडा प्राधिकरण के 200 करोड़ रुपये की एफडी करने के नाम पर 3.90 करोड़ की धोखाधड़ी करने के मामले के मुख्य आरोपी मनु पोला उर्फ भोला के खिलाफ न्यायालय की ओर से गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया गया है। मुख्य आरोपी बीते 11 माह से फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें बीते कई माह से पश्चिमी बंगाल और बिहार समेत अन्य संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। केस सेक्टर-58 थाने में दर्ज हुआ था पर वर्तमान में मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है।
गौतम बुद्ध नगर के डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण के बैंक ऑफ इंडिया में 200 करोड़ रुपये की एफडी कराने के संबंध में कुछ व्यक्तियों द्वारा तीन करोड़ 90 लाख रुपये अन्य खातों में ट्रांसफर कराकर निकाल लिए गए थे। इस प्रकरण में मनोज कुमार नाम के व्यक्ति ने सेक्टर-58 थाने में शिकायत की थी। जांच के दौरान पांडुचेरी निवासी 48 वर्षीय अब्दुल खादर, गाजियाबाद के मुरादनगर निवासी 43 वर्षीय सुधीर चौधरी, बुलंदशहर निवासी 52 वर्षीय मुरारी जाटव, उन्नाव निवासी 43 वर्षीय राजेश बाबू और दिल्ली के 52 वर्षीय राजेश कुमार का नाम प्रकाश में आया। पांचों की अलग-अलग जगहों से गिरफ्तारी की गई। सभी के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया जा चुका है। मुख्य आरोपी बंगाल के 24 परगना जिले के निवासी मनु पोला उर्फ भोला को पुलिस अभी तक नहीं पकड़ पाई है। बताते हैं कि पिछले दिनों नोएडा पुलिस मनु पोला को पकड़ने के लिए कोलकाता में उसके आवास पर पहुंची थी, लेकिन शातिर दिमाग होने के चलते वह फरार हो गया था। पुलिस उसकी तलाश में पूरे एक सप्ताह तक कोलकाता में रही थी और जगह-जगह पर दबिश देकर पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन आज भी हाथ खाली हैं। मुख्य आरोपी मनु पोला उर्फ भोला के खिलाफ न्यायालय ने 6 जून को गैर जमानती वारंट जारी किया है। डीसीपी क्राइम का कहना है कि इस समय भी पुलिस की टीमें मुख्य आरोपी की तलाश में दबिश दे रही हैं। उसके परिवार के बारे में कुछ अहम जानकारी पुलिस को मिली है।
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मुख्य आरोपी मनु पोला के विदेश भागने की भी अटकलें हैं। दावा है कि उसके खिलाफ पूर्व में ही रेड कार्नर नोटिस जारी किया जा चुका है। मनु पोला ने बहुत की शातिराना तरीके से धोखाधड़ी की थी। इसके लिए उसने गुरुग्राम, दिल्ली और नोएडा के कई होटलों में ठिकाना बनाया। अन्य आरोपियों को एकजुट कर मीटिंग की और योजना के तहत पूरी धोखाधड़ी को अंजाम दिया। मामले में सबसे पहले गिरफ्तारी अब्दुल खादर की हुई थी। उसकी गिरफ्तारी के पहले ही मुख्य आरोपी ने पैसे निकाल लिए और नोएडा छोड़कर किसी अनजान जगह पर चला गया। एक महिला बैंककर्मी की समझदारी से फर्जीवाड़े का पुलिस को पता चला था। इस मामले में बैंक और प्राधिकरण के अधिकारियों की भी संलिप्तता भी बताई जा रही है।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से 26 जून 2023 को 200 करोड़ की एफडी कराने के लिए बैंक आफ इंडिया को पैसे दिए गए थे। इसी बीच कुछ जालसाजों ने फर्जीवाड़ा कर प्राधिकरण के 3.90 करोड़ रुपये अपने खाते में जमा करा लिए। जालसाज प्राधिकरण में अपने आप को बैंककर्मी और बैंक में खुद को प्राधिकरण का अधिकारी बताते थे। मामले का पर्दाफाश होने के बाद बैंक और प्राधिकरण सतर्क हो गए। अन्यथा 9 करोड़ रुपये और ट्रांसपर कर लिए जाते। जालसाजों की नजर पूरे 200 करोड़ रुपये पर थी। बताया जा रहा है कि मनु पोला पूर्व में ऐसे कई फर्जीवाड़े कर चुका है। पुलिस उसका आपराधिक इतिहास पता कर रही है। धोखाधड़ी करने का मुख्य आरोपी आज भी नोएडा पुलिस के लिए पहेली बना हुआ है। मुख्य आरोपी की एक तस्वीर प्राधिकरण के गेट के बाहर की पुलिस को मिली थी।