Noida News : पार्सल में ड्रग्स होने का डर दिखाकर इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर 20 लाख रुपये ठगे
Noida News : ताइवान भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर साइबर ठगों ने बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले इंजीनियर के साथ 20 लाख रुपये की ठगी कर ली। आईबी और मुंबई पुलिस का अधिकारी बनकर जालसाजों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया। ठगी के दौरान जालसाजों ने इंजीनियर को 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। ठगी की जानकारी होने के बाद पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है। बार-बार पैसे ट्रांसफर करने के बावजूद जब जालसाजों की मांग कम नहीं हुई और उसने क्रेडिट कार्ड से भुगतान करवाना चाहा तब पीड़ित को संदेह हुआ।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक उमेश नैथानी ने बताया कि सेक्टर-44 निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि पेशे से वह आईटी इंजीनियर हैं और एक एमएनसी में काम करता है। उनकी कंपनी नोएडा में डेटा सेंटर बनवा रही है, इसलिए वह यहीं परिवार के साथ डिफेंस इंक्लेव सोसायटी में रह रहे हैं। बीते आठ मई को शिकायतकर्ता के मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को फेडेक्स कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए कहा कि शिकायतकर्ता के आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक पार्सल ताइवान भेजा जा रहा है। इसमें विदेशी मुद्रा और ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने के कारण इसे रोक लिया गया है, और केस दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
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पीड़ित ने जब कहा कि उन्होंने ऐसा कोई पार्सल नहीं भेजा है। इस पर कथित कर्मचारी बनकर बात कर रहे जालसाज ने कहा कि आपको मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में शिकायत करनी होगी नहीं तो कार्रवाई हो जाएगी। फिर आगे कॉल कथित मुंबई साइबर क्राइम ब्रांच में बताकर ट्रांसफर कर दी गई। आगे जिस जालसाज ने बात की उसने विडियो कॉलिंग ऐप डाउनलोड करवाया। फिर जांच शुरू की तो सीईआईडी साइबर क्राइम का डिस्प्ले भी दिखाई दिया। बैकग्राउंड में वर्दी में मौजूद कई पुलिस अधिकारी भी नजर आ रहे थे। इसके बाद जांच का नाटक कर कुछ देर में इन जालसाजों ने बताया कि पीड़ित की आईडी कई गैर कानूनी गतिवधियों ड्रग्स सप्लाई, मनी लांड्रिंग व अन्य जगह उपयोग में लाई गई है। आगे भी जांच की जा रही है और जांच के दौरान विडियो कॉल डिसनेक्ट न करें।
इसके बाद जालसाज तरह-तरह के सवाल पूछकर पीड़ित को डराते रहे। रात को सोने तक नहीं दिया। न ही किसी से मोबाइल पर बात करने दी। पीड़ित को इस दौरान परिवारीजन से भी अलग रखा गया। इसके बाद 9 मई को कुछ जालसाज विडियो कॉल पर एसीपी बनकर जांच करने के लिए आए। इन जालसाजों ने सभी बैंक अकाउंट की स्थिति ऑनलाइन देखी। आरबीआई वैरिफिकेशन के नाम पर बैंक अकाउंट में जमा 20 लाख रुपये एक अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिया। यह बताया कि रकम वैरिफिकेशन के बाद वापस हो जाएगी।
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रकम वापस करने की जगह जालसाज पीड़ित से और पैसे ट्रांसफर करने की मांग करते रहे। पीड़ित ने जब और रकम खाते में न होने की बात कही तो ठगों ने क्रेडिट कार्ड से लोन लेकर भुगतान करने को कहा। इसके बाद शिकायतकर्ता को ठगी का अंदेशा हुआ और उसने जालसाजों ने रकम वापस करने के लिए कहा। इतना कहते ही जालसाजों ने पीड़ित से पूरी तरह से संपर्क तोड़ लिया। नाइजीरियन गिरोह द्वारा ठगी की वारदात करने की आशंका जाहिर की जा रही है। साइबर क्राइम थाने के प्रभारी ने बताया कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच जारी है। जिन खातों में रकम गई है उन खातों की जांच की जा रही है।