Greater Noida News : दलित व्यक्ति की हत्या के तीन आरोपी मुठभेड़ में गिरफ्तार, पैर में लगी गोली

Nov 16, 2024 - 09:24
Greater Noida News : दलित व्यक्ति की हत्या के तीन आरोपी मुठभेड़ में गिरफ्तार, पैर में लगी गोली
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Greater Noida News : थाना रबूपुरा क्षेत्र के भीखनपुर गांव में शुक्रवार को ट्रैक्टर निकालने को लेकर हुए विवाद में दलित व्यक्ति की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ के दौरान तीन बदमाशों नितिन त्यागी, निखिल त्यागी और आशु त्यागी को को गिरफ्तार किया है। पुलिस द्वारा चलाई गई गोली तीनों के पैर में लगी है। इनके पास से पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस बरामद किया है। शुक्रवार को हुई इस घटना के बाद ग्रामीणों ने थाना रबूपुरा पर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। इस मामले में 14 नामजद और 12 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इस घटना को लेकर गांव में जातीय तनाव पैदा हो गया है। गांव में पिछले साल भी दलित पक्ष के एक युवक की हत्या कर दी गई थी, तभी से दलित और दबंग पक्ष में तनाव चल रहा है।

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  अपर पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) शिव हरी मिणा ने बताया कि थाना रबूपुरा क्षेत्र के भीखनपुर गांव में रहने वाले दलित युवक शीशपाल शुक्रवार सुबह को ट्रैक्टर लेकर अपने खेत पर जा रहा था। इसी दौरान गांव के कुछ दबंग लोगों ने रास्ता रोककर उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट की। पीड़ित ने वहां से आकर घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी। इसके बाद उसके पिता विजयपाल आरोपियों के पास शिकायत करने पहुंचे, तो उन्होंने उनके साथ भी मारपीट कर उनका सिर फोड़ दिया। मारपीट की सूचना पर मौके पर काफी लोग पहुंचे आरोपियों ने इन लोगों पर भी ईट, पत्थर, लाठी डंडे, लोहे की राड और अवैध हथियार से हमला बोल दिया। इस घटना में गोली लगने से कमलदीप,सनी और शरबती घायल हो गए, जबकि विजयपाल विवेक शीशपाल आदि को गंभीर चोट आई। अस्पताल में घायलों को भर्ती करवाया गया। वहां पर उपचार के दौरान कमलजीत की मौत हो गई। 

इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने थाना रबूपुरा पर पहुंचकर करीब 6 घंटे तक हंगामा किया, और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि गांव में गोलीबारी की सूचना पर पहुंची पुलिस ने कुछ लोगों को मौके से पकड़ लिया था। लेकिन बाद मे छोड़ दिया। पीड़ित पक्ष के लोगों के अनुसार जब वे घायलों को लेकर थाने पहुंचे तो थाने मे तैनात पुलिस के लोगों ने उन्ही के ऊपर झगड़ा करने का आरोप लगाया तथा उनके द्वारा दी गई तहरीर को छीन कर फाड़ दिया। पीड़ित पक्ष के लोगों कहना है की गोली लगने से घायल लोगों को काफी देर तक थाने में रखा गया। पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी रही। पीड़ित पक्ष के लोगों का आरोप है कि घायलों को अस्पताल ले जाते समय पुलिस उनके परिजनों को साथ ले जाने से मना कर दिया, और अपनी गाड़ी से नीचे उतार दिया।

घटना के बाद गांव में जातीय तनाव व्याप्त, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने की घटना की निंदा, ग्रामीणों ने 6 घंटे तक किया थाने पर हंगामा

 इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो सुश्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर निंदा की है। भीखनपुर गांव की घटना को लेकर उन्होने गहरा दुख व्यक्त किया है। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार की मदद की मांग उत्तर प्रदेश सरकार से की है। भीखनपुर गांव में दलित पक्ष के ऊपर हुए खूनी हमले की सोशल मीडिया पर जमकर वीडियो वायरल हो रही है। घर की छत पर चढ़कर पथराव और फायरिंग करने का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी पीड़ित पक्ष पर पथराव कर रहे हैं। गोली चलने की भी आवाज सुनाई दे रही है। गोली लगने से घायल हुए कमलदीप को ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। इस घटना की सूचना पर काफी संख्या में लोग अस्पताल पहुंच गए। पीड़ित पक्ष ने शव लेने की मांग की। लोग शव को सड़क पर रखकर जाम लगाने की कोशिश में थे। लेकिन पुलिस ने शव देने से मना कर दिया। इसी बीच ग्रामीणो और पुलिस के बीच काफी देर तक नोक झोंक हुई। काफी हंगामे के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। 

बताया जाता है कि भीखनपुर गांव में दलित और आरोपी पक्ष में पिछले साल से रंजिश चली आ रही है। दरअसल दलित पक्ष के ललित नामक युवक की विगत वर्ष चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने गांव के कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। इस मामले में शामिल आरोपीय अभी जेल में है। बताया जाता है कि उसी घटना के बाद इन दोनों पक्षों के बीच जातीय तनाव की स्थिति पैदा हो गई। इसे लेकर कई बार दोनों पक्ष में मारपीट हो चुकी है। शुक्रवार की घटना के पीछे भी यही विवाद बताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि जब पुलिस को पता था कि दोनों पक्षों के बीच जातीय तनाव है तो पुलिस ने इस तरह की घटना को रोकने के लिए कोई ठोस पहल नहीं की। लोग पुलिस की कार्य प्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा रहे हैं। कुछ लोगों ने थाना रबूपुरा के प्रभारी निरीक्षक पर भी गंभीर आरोप लगाया है।