Noida News : सुपरटेक के 16 अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करेगा एनबीसीसी

Dec 13, 2024 - 10:33
Noida News : सुपरटेक के 16 अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करेगा एनबीसीसी
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Noida News : सुपरटेक बिल्डर के अधूरे प्रोजेक्ट को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन लिमिटेड एनबीसीसी पूरा करेगा। बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय कंपनी अधिनियम अपीलीय न्यायाधिकरण ने इस बाबत आदेश जारी किए। एनबीसीसी को पहली अप्रैल 2025 से काम शुरू कर 3 साल में प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। निर्माण पूरा करने में करीब 9,444 करोड रुपए खर्च होंगे। एनसीएलटी का यह आदेश दून स्क्वायर प्रोजेक्ट पर लागू नहीं होगा। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, मेरठ, गुरुग्राम, रुद्रपुर, देहरादून और बेंगलुरु में सुपरटेक बिल्डर के 17 प्रोजेक्ट है। इनमें कुल 50,356 फ्लैट बनाए जाने हैं। इनमें 40,316 फ्लैट बिक चुके हैं। जबकि 10,040 फ्लैट बीके नहीं है। सभी प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्धारित समय पूरा हो चुका है। खरीदार 5 से 10 वर्षों से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन बिल्डर काम नहीं कर रहा है। मामले में यूनियन बैंक आफ इंडिया ने बिल्डर के खिलाफ एनसीएलटी में याचिका दायर की। जिस पर सुपरटेक बिल्डर के खिलाफ दिवालिया की कार्रवाई शुरू हुई। अब एनसीएलटी ने दून स्क्वायर के अलावा सुपरटेक के 16 प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी एनबीसीसी को सौंप दी है। मालूम हो कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक के 10 प्रोजेक्ट हैं ,और सबसे ज्यादा खरीदार यहीं पर हैं।
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 कोर्ट का फैसला आते ही छलक पड़े आंसू, खरीदारों ने कहा इस बार मिला न्याय
कोर्ट के आदेश आने के बाद सुपरटेक बिल्डर के यहां फ्लैट खरीदने वाले लोगों के आंखो  से खुशी के आंसू छलक गए। फ्लैट खरीदारों ने कहा कि इस बार कोर्ट में तारीख नहीं न्याय मिला। वे 10 साल से अपने घर मिलने की रास्ता देख रहे हैं। फ्लैट खरीदारों कहना है कि अब और देर ना हो। जल्द हमें हमारे घर की छत मिल जाए। हम घर का किराया और ईएमआई की किस्त भरते हुए परेशान हो चुके हैं। फ्लैट खरीदारों का कहना है कि हमारी अपील एनसीएलटी ने सुन ली, और निर्माण कार्य के लिए एनबीसीसी को सौंप दिया। हालांकि अभी पूरी तरह जीत नहीं मिली है। जब तक हमारे घर की छत नहीं मिल जाती। सुपरटेक बिल्डर के प्रोजेक्ट इको विलेज- तीन के खरीदार आर एन सिंह ने बताया कि हमने कोर्ट का फैसला सुना। जैसे ही कोर्ट का फैसला आया खरीदारों में खुशी की लहर दौड़ गई। वहां के निवासी पारोमिता बनर्जी ने बताया की सुनवाई के दौरान हम महिलाएं कोर्ट जरूर जाती थी। कई बार ऐसा हुआ कि हम कोर्ट में ही रोने लगते थे कि जज साहब हमें हमारे घर दो। हमें तारीख नहीं चाहिए। आज हमारी उम्मीद पूरी होती दिख रही है। घर के लिए लड़ाई लड़ने वालों में अभिलाषा पाठक, मीनाक्षी श्रीवास्तव, मधु अरोड़ा, सरोज अरोड़ा, अमरदीप सिंह, शैवाल सेनगुप्ता, पंकज गोयल, संतोष चौधरी, नीतीश वैष्णो आदि ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से उनके घर में खुशियों की लहर आ गई है।