Greater Noida News : फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनाकर लोगों को विदेश भेजने वाले गैंग का पर्दाफाश, सात गिरफ्तार
Greater Noida News : थाना बिसरख पुलिस ने एक ऐसे गैग का पर्दाफाश किया है जो फर्जी कागजात के जरिए पासपोर्ट तैयार करवाकर लोगों को विदेश भेजते थे। इस गैंग के सात आरोपियों को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी फर्जी नोटेरी, फर्जी रेंट एग्रीमेंट, फर्जी दस्तावेजों से खुलवाए गए बैंक अकाउंट से पासपोर्ट बनवाते थे। ये बदमाश बिना पुलिस वेरीफिकेशन के बने पासपोर्ट से लोगो को विदेश भेजते थे। पकड़े गए आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 14 नोटरी आदि की मोहर, 98 नोटोरियल टिकट, एक फर्जी रेंट एग्रीमेंट, एक पासपोर्ट फर्जी पते का, 5 कंप्यूटर, दो आधार कार्ड, पेन कार्ड, दो बैंक पासबुक, 5 मोबाइल फोन और 10 स्टांप नोटरी व एक लैपटॉप बरामद किया है।
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पुलिस उपायुक्त (जोन द्वितीय) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर—4 निवासी एस विनोद कुमार पुत्र सौरा वशिष्ठ और संजीद डे पुत्र शम्भू डे नाम से पुलिस वेरिफिकेशन के पासपोर्ट के ऑनलाइन आवेदन फार्म प्राप्त हुए थे। जांच करती हुई पुलिस दिए गए पते पर पहुंची तो मालूम हुआ कि उनके यहां कोई किराएदार नहीं रहते है। पुलिस ने आवेदकों को फोन किया तो उन्होंने महागुन मार्ट स्थित सचिन जौहरी की दुकान पर बुलाया। बिसरख कोतवाली पुलिस पासपोर्ट की जांच के लिए महागुन मार्ट पहुंची। जहां सचिन जौहरी की कान्हा किड्स जंक्शन एवं जनसेवा केंद्र के नाम से दुकान है। सचिन पासपोर्ट बनवाने का काम करता है। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने वाले पुलिस को महागुन मार्ट पर मिले थे। पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि क्यू नेट एवं नेटवर्क मार्केटिंग हांगकांग कंपनी जिसका ऑफिस ग्लैक्सी प्लाजा गौर सिटी-2 में है। कंपनी में आवेदनकर्ता सेल्स प्रोमोटर है और दुबई में कंपनी एक कार्यक्रम करा रही है। जिसके लिए उन्हें पासपोर्ट की जरुरत है। पूछताछ के दौरान फर्जी एग्रीमेंट, नोटरी और अन्य कागजात के जरिए पासपोर्ट बनवाने की घटना खुल गई।
वेरिफिकेशन के लिए पुलिस ने उनसे रेंट एंग्रीमेंट मांगा तो आवेदकों ने उन्हें फर्जी कागजात थमा दिए। पकड़े गए आरोपियों की पहचान गौर सिटी—2 निवासी सचिन जौहरी, सेक्टर—4 गोल्फ होम्स निवासी एस विनोद कुमार और संजीद डे पुत्र शम्भू डे, गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन निवासी संदीप कुमार, गामा—2 निवासी वीरेंद्र कुमार गर्ग, गाजियाबाद के प्रताप विहार निवासी वीरेंद्र सक्सेना और सेक्टर—63 निवासी दुर्गेश कुमार के रुप में की है।
डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि सचिन जौहरी बिना पुलिस वेरीफिकेशन वाले पासपोर्ट को डीजी सेवा के माध्यम से तत्काल में आवेदन कराता था। पिछले दो साल में वह 500 से ज्यादा पासपोर्ट का आवेदन कर चुका है। इनमें करीब 100 पासपोर्ट बिना पुलिस वैरीफिकेशन के बनवाए गए। वीरेंद्र गर्ग ने फर्जी नोटरी बनाने का नकली आर्थिराइजेशन पत्र सचिन को दिया हुआ था। डीसीपी ने बताया कि सचिन जौहरी, वीरेंद्र सक्सेना, दुर्गेश कुमार भी वीरेंद्र कुमार गर्ग के नाम की फर्जी नौटरी तैयार कर फर्जी रेंट एग्रीमेंट ग्राहकों को उपलब्ध कराते थे।
उन्होंने बताया कि इस गिरोह के निशाने पर ऐसे लोग होते थे, जो कि पासपोर्ट के लिए अपने कागजात नहीं दे पाते थे। उनसे वह 15 से 20 हजार रुपये लेते थे। एस विनोद कुमार और संजीद डे निवासी अडंमान ने सचिन जौहरी के जरिए ही बिसरख के पते पर फर्जी रेंट एग्रीमेंट तैयार कराए थे। दुर्गेश कुमार की ग्लैक्सी प्लाजा में लीगल डॉक्यूमेंट्स हब के नाम से दुकान है। 10वीं पास दुर्गेश दूसरे की आईडी का प्रयोग कर ई-स्टाम्प बेचता था और रेंट एग्रीमेंट भी तैयार करता था।
डीसीपी ने बताया कि अभी तक की पुलिस जांच में पासपोर्ट के कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई है। मिलीभगत कर यह गैंग फर्जी कागजात के जरिए पासपोर्ट उपलब्ध कराता था। उसके खिलाफ भी जांच की जा रही है। पकड़ा गया गिरोह फर्जी रेंट एग्रीमेंट से आधार कार्ड में भी पता बदल देता था
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