Noida News : ऑनलाइन गेमिंग/ बैटिंग एप पर लाभ का झांसा देकर ठगी करने वाले दो गिरफ्तार

Dec 9, 2025 - 23:46
Noida News : ऑनलाइन गेमिंग/ बैटिंग एप पर लाभ का झांसा देकर ठगी करने वाले दो  गिरफ्तार
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Noida News : साइबर थाना पुलिस और फेस- वन थाने की पुलिस ने ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग ऐप पर लाभ कमाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी सेक्टर-2 में कॉल सेंटर खोलकर ठगी कर रहे थे। पुलिस ने ठगी में इस्तेमाल होने वाले सात लैपटॉप और आठ मोबाइल भी कब्जे में लिया है।

 

डीसीपी नोएडा यमुना प्रसाद ने बताया कि सूचना पर संयुक्त टीमों ने मंगलवार को सेक्टर-2 स्थित एक इमारत पर छापा मारा। यहां किराये पर जगह लेकर सचिन गोस्वामी और कुणाल गोस्वामी ठगी कर रहे थे। मुजफ्फरनगर के सचिन और गाजियाबाद के कुणाल लोगों को ऑनलाइन गेमिंग/बैटिंग ऐप के जाल में फंसाते थे।

उन्होंने बताया कि आरोपी पहले लोगों को कुछ मुनाफा देते थे। अचानक से मोटी रकम ऐप पर लगवाकर ग्राहकों को जानबूझकर हरा दिया जाता। इसके बाद ऐप के माध्यम से लगाई गई सारी रकम आरोपियों के पास पहुंच जाती थी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि देश में गेमिंग और बैटिंग ऐप प्रतिबंधित हैं। इसके बावजूद सचिन और कुणाल इसके लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे। संबंधित ऐप के बारे में सर्च करने वाले लोगों का डाटा दोनों के पास पहले से मौजूद होता था। इसके बाद कॉल सेंटर में कार्यरत महिलाएं ऐप के बारे में सर्च करने वाले लोगों को कॉल करती थीं। लोगों को ऐप के माध्यम से लाभ कमाने का झांसा दिया जाता था। आरोपी ऐप का लिंक भेजकर विभिन्न गेमिंग प्लेटफार्म पर सीधे साधे लोगों की आईडी व पासवर्ड बनाने के नाम पर रुपये प्राप्त करते थे। ठगी की रकम विभिन्न मनी म्यूल खातों में ट्रांसफर कराई जाती थी। आरोपी शुरू में छोटी-छोटी रकम जीताकर विश्वास जमाते थे। 

 उन्होंने बताया कि सेक्टर-2 के जिस हॉल में ठगी का सेटअप बनाया गया था, उसे आरोपियों ने 25 हजार रुपये प्रतिमाह किराये पर लिया था। सचिन और कुणाल के पास कॉल सेंटर या गेमिंग/बैटिंग ऐप के संचालन के संबंध में कोई कागजात और किसी प्रकार का रजिस्ट्रेशन नहीं पाया गया। ठगी के लिए आरोपी फर्जी पहचान पत्र पर सिम लेते थे। इन्हीं सिम का इस्तेमाल ठगी में होता था। एक आरोपी एमबीए और दूसरा बीबीए पास पुलिस के अनुसार 33 वर्षीय सचिन ने एमबीए, जबकि कुणाल ने बीबीए किया हुआ है। दोनों वर्तमान में दिल्ली में रह रहे हैं। दोनों पूर्व में निजी कंपनी में नौकरी भी कर चुके हैं। कॉलिंग के लिए जिन महिलाओं को काम पर रखा गया था, उन्हें 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह बतौर सैलरी मिलती थी। महिलाओं से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया गया। कॉल सेंटर को बंद करा दिया गया है। बरामद मोबाइल में ठगी से संबंधित कई अहम जानकारी मिलने की संभावना है।