Noida News : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपनी दस प्रमुख मांगों को लेकर नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे किसानों को आज पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये किसान कल महामाया फ्लाईओवर के पास इकट्ठा होकर दिल्ली के लिए रवाना हुए थे। जिन्हें पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल के पास रोक लिया था।
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किसान दलित प्रेरणा स्थल के गेट नंबर -2 के अंदर अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए थे। आज सुबह से ही किसानों और पुलिस के आला अधिकारियों के बीच रस्सा -कशी का दौर जारी था। पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिव हरी मीणा भारी पुलिस बल के साथ दलित प्रेरणा स्थल पर मौजूद थे। उन्होंने किसान नेताओं को काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन कई बार के वार्ता के बाद भी किसानो ने धरना समाप्त करने से इनकार कर दिया।
दोपहर डेढ बजे के करीब पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल के अंदर धरना पर बैठे 160 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया है। इनमें प्रमुख रूप से भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा, भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी यूपी के प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना, किसान नेता रुपेश वर्मा, सुनील फौजी, सुनील प्रधान, उदल यादव ,अमन भाटी ,आदि शामिल है। किसान नेताओं को लुक्सर जेल भेजा गया है। इनके खिलाफ किस धारा में कार्रवाई हुई है अभी तक पुलिस अधिकारियों ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था शिव हरी मिणा ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
इस दौरान पुलिस ने यातायात व्यवस्था को सुचारु रखा तथा आज कहीं भी यातायात को जाम नहीं होने दिया। कल किसानों के प्रदर्शन के चलते नोएडा में जगह-जगह पर यातायात जाम रहा था।
मालूम हो कि कल दोपहर को एक बजे के करीब दिल्ली कूच के लिए निकले गौतम बुद्ध नगर के किसानों को दिल्ली की दहलीज में पहुंचने से पहले ही पुलिस ने रोक दिया। इस पर गुस्साए किसान पहले बीच सड़क पर ही धरना देकर बैठ गए। बाद में किसान दलित प्रेरणा स्थल के अंदर ही अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। रात होते-होते किसानों ने वहां पर डेरा जमा लिया। किसानों ने वहां पर खाना बनाने की व्यवस्था की तथा ठंड में रजाई कमल आदि लेकर धरने पर बैठे है। किसान वहां पर रागिनी गाकर और जोशीले भाषण से एक दूसरे का मनोबल भी बढ़ा रहे थे। ठंड से बचने के लिए किसानो ने अलाव जला लिया था।
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष पवन खटाना का कहना है कि प्रशासन की मंशा ठीक नहीं लग रही है। उनके अनुसार भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद है। गांव में पुलिस बल लगा रखा है। जगह-जगह पुलिस द्वारा चेकिंग के बहाने किसानों को धरना स्थल पर पहुंचने से रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन किसानों की जायज मांग पूरी करने की बजाय बलपूर्वक धरने को समाप्त करने में लगा हुआ है।
किसान एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा ने बताया कि अधिकारियों ने शासन के सचिव स्तर पर वार्ता कराने का आश्वासन दिया था। एक सप्ताह के अंदर वार्ता करने का दावा किया गया था, इसी बीच पुलिस ने उन्हें तथा अन्य किसान नेताओं को आज गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने कहा कि किसान गिरफ्तारी से डरने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि किसान अपनी जायज मांग के लिए संघर्ष करते रहेंगे। चाहे प्रशासन उनके प्रति कितना भी कठोर रवैया क्यों ना अपनाए। उन्होंने कहा कि किसान वर्षों से अपनी जायज मांगो को लेकर दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन यहां के विभिन्न प्राधिकरणो के अधिकारी और जिला प्रशासन के लोग उनकी मांग को पूरा करने के बजाय उन्हें गिरफ्तार कर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों की गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने किसानों के साथ धक्का मुक्की की। किसान नेता सुखबीर खलीफा ने कहा कि कड़ाके की ठंड में भी किसान धरने पर जोर-शोर से डटे हुए थे। उन्होंने कहा कि दलित प्रेरणा स्थल पर धरनारत किसानों के खाने-पीने की व्यवस्था की गई थी। धरना पर बैठे किसान यहां के प्राधिकरणों द्वारा किसानों पर किए गए अत्याचारों को अपने भाषण के माध्यम से वहां मौजूद लोगों को बता रहे थे, तथा रागिनी आदि की सहायता से धरना पर बैठे किसानों का जोश बढ़ा रहे थे। वहीं कुछ राजनीतिक दलों ने भी किसानों के धरना प्रदर्शन का समर्थन किया है।