Noida News : ऐप पर रकम निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर साइबर ठगों ने एक व्यक्ति के साथ 15 लाख 30 हजार रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की है।
इसके अलावा निवेश पर मुनाफा होने की बात कहकर साइबर जालसाजों ने एक व्यक्ति के साथ 55 लाख रुपये की ठगी कर ली है । पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने की पुलिस से की है। पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ आईटी एक्ट और धोखाधड़ी की धारा में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जिन खातों में ठगी की रकम ट्रांसफर हुई है,पुलिस उन खातों को पुलिस खंगाल रही है।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस को दी गई शिकायत में सेक्टर-44 निवासी मनीष गुप्ता ने बताया कि यूट्यूब के जरिए हिबोक्स ऐप का प्रचार किया जा रहा था। इसमें बताया गया कि पैसा लगाने पर कुछ ही महीनों में ब्याज के साथ रकम वापस मिलेगी। कंपनी का पता सेक्टर-125 में बताया गया। यूट्यूबर के वीडियो देखकर मनीष गुप्ता के बेटे ने क्रेडिट कार्ड के जरिए करीब 15 लाख 30 हजार 738 रुपए हिबोक्स ऐप में निवेश कर दिए। ये क्रेडिट कार्ड शिकायतकर्ता की पत्नी के नाम पर है।
शिकायतकर्ता की पत्नी ने भी ऐप के बारे में काफी सर्च किया। उनको सही लगा उसके बाद ही बेटे के माध्यम से रकम निवेश कराई गई। ऐप की शर्तो के अनुसार पांच अगस्त तक मनीष के खाते में 17 लाख 47 हजार 470 रुपए क्रेडिट करने की बात कही गई। जब ये रकम पीड़ित के खाते में नहीं आई तो उन्होंने संबंधित नंबर पर फोन किया। ठग ने बताया कि तकनीकी समस्या के कारण ऐसा हुआ है। आगामी 24 से 48 घंटे में पैसा खाते में आ जाएगा। इसके बाद शिकायतकर्ता रकम को आसानी से निकाल सकता है। पैसा नहीं आने पर मनीष ने गूगल प्ले स्टोर पर ऐप को सर्च किया। वहां ऐप नहीं मिला। बताया गया कि इस ऐप को किन्हीं वजहों से प्ले स्टोर से हटा दिया गया है। इसके बाद कुछ दिनों तक एसएमएस और कॉल के जरिए ठगों द्वारा बताया गया कि पैसा आ जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ। अब ठगों ने अपना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया है। शिकायतकर्ता ने जब कंपनी के बारे में जानकारी की तो पता चला कि जो पता उसे बताया गया था वह फर्जी है। जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है उसकी जांच जारी है।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार ने बताया कि साइबर क्राइम पुलिस को दी शिकायत में अतुल चंद्रा ने बताया कि बीते दिनों किसी ने उनके मोबाइल नंबर को एक वाट्सऐप ग्रुप से जोड़ दिया गया। ग्रुप का नाम फाइव क्यू वेल्थ और टूसी ईजी इंटरमीडियट इंवेस्टमेंट था। पीड़ित को कुछ दिनों तक शेयर मार्केट के बारे में जानकारी दी गई। इसके बाद उनसे पैसा निवेश करने के लिए कहा गया। पीड़ित ने पहले कम पैसा निवेश किया,जिसपर उन्हें मुनाफा भी हुआ। मुनाफे की रकम ऐप पर बढ़ती हुई दिखाई भी दी। इसके बाद शिकायतकर्ता को लंदन की एक कंपनी में पैसा निवेश करने का झांसा दिया गया। यहां निवेश पर प्रतिमाह लाखों रुपये का मुनाफा होने की बात कही गई। बताया गया वहां सिर्फ क्रिप्टो करेंसी के रूप में पैसा निवेश किया जा सकता है। ये पैसा एजेंट के माध्यम से जमा कराना होगा।
झांसे में आने के बाद पीड़ित ने ठगों द्वारा बताए गए खातों में कई बार में 55 लाख रुपए निवेश कर दिए। जिसका उनको मुनाफा करोड़ों में दिखने लगा। जब उन्होंने ग्रुप पर मुनाफे समेत पैसा निकालने की बात कही, तो उनको टैक्स के बारे में बताया गया। मना करने पर शिकायतकर्ता को ग्रुप से बाहर कर दिया गया। जिन नंबरों से जालसाजों ने पीड़ित से संपर्क किया था सभी नंबर अब बंद आ रहे हैं। जानकारी करने पर पता चला कि उन्हें जो रकम बढ़ती हुई दिख रही थी वह ऐप की फर्जी था और उसे ठगी के लिए बनाया गया था। ग्रुप के सभी लोग भी ठग गिरोह के ही सदस्य थे। सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर पुलिस मामले की जांच कर रही है।