Noida News : दीप ज्योति रबर उद्योग के संस्थापक ’राजेन्द्र जैन’ की विरासत को बखूबी संभाले हुए हैं अभिषेक जैन

Nov 3, 2024 - 18:33
Noida News : दीप ज्योति रबर उद्योग के संस्थापक ’राजेन्द्र जैन’ की विरासत को बखूबी संभाले हुए हैं अभिषेक जैन

 Noida News : नोएडा के सेक्टर-5 स्थित दीप ज्योति रबड़ प्रा. लि. के संस्थापक स्व. राजेन्द्र जैन की 25वीं पुण्यतिथि पर परिजनों के साथ-साथ शहर के उद्यमियों ने उनके कार्यों को याद करते हुए उन्हें नमन किया। राजेन्द्र जैन एक ऐसे उद्यमी थे, जिन्हें बड़े सपने देखने की आदत थी। इसे संयोग कहें या सौभाग्य, उनके देखे गए तमाम सपने शहर में अब पूर्ण रूप से साकार हो गए है।

       दीप ज्योति रबड़ प्रा. लि. के सीएमडी अभिषेक जैन ने 25वीं पुण्यतिथि पर स्व. राजेन्द्र जैन जी के कार्यों को याद करते हुए बताया कि उन्होंने नोएडा के स्थापना के बाद शहर में उद्योगों के गति देने के लिए अनेक कार्य किए। उन्होंने नोएडा शहर में बेहतर यातायात व्यवस्था के लिए महारानी बाग से नोएडा के लिए डीएनडी पुल की मांग के साथ ही नोएडा में गंगाजल की मांग की थी। इस कार्य के लिए उन्होंने नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों के साथ-साथ केन्द्र व प्रदेश के सरकारों को भी कई पत्र लिखे। जो नोएडा शहर में अब पूर्ण रूप से सकार हो चुका है।


     सीएमडी अभिषेक जैन ने बताया कि स्व. राजेन्द्र जैन जी की मांग नोएडा को महारानी बाग के जरिए यमुना पर पुल बनाकर जोड़ा जाए और नोएडा में गंगा जल लाया जाए। उस समय इन मांगों का लोग मखौल उड़ाते थे और कहते थे कि नोएडा में गंगाजल कैसे आ सकता है? यह संभव नहीं है। और दूसरे जब निजामुद्दीन पर पुल है तो नोएडा को सीधे महारानी बाग से कसे जोड़ा जा सकता है। यमुना पर पुल कैसे बनेगा? लेकिन बाद में महारानी बाग में नोएडा को जोड़ने का विचार शुरू हुआ और इसे अमल में लाया गया।

पहले इसे उद्योग मार्ग के साथ जोड़ना था लेकिन तब सेक्टर-15ए की एसोसिएशन में एक पूर्व आईएएस के हस्तक्षेप के बाद इसका नक्शा बदला गया और इसे महारानी बाग से मास्टर प्लान रोड नंबर एक के जरिए जोड़ा गया। इस डीएनडी पुल को जोड़ने के लिए दिल्ली सरकार की मंजूरी की जरूरत थी। तब नोएडा प्राधिकरण में स्टाफ अफसर रहे आर के शर्मा को इसके समन्वय की जिम्मेदारी दी गई और उन्होंने दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा से मिलकर इस पुल की मंजूरी कराई।

उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 में डीएनडी टोल फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू हुआ उसी वर्ष महारानी बाग के जरिए नोएडा के बीच पुल की मांग करने वाले राजेंद्र जैन जी का 3 अक्टूबर 1999 में उनका निधन भी हो गया। पुल निर्माण के कुछ वर्ष बाद नोएडा में मुरादनगर के निकट गंग नहर से गंगाजल लाने की योजना पर भी काम शुरू हो गया। जो नोएडा शहर में अब पूर्ण रूप से सकार हो चुका है।


स्व. राजेन्द्र जैन की तरह ही अभिषेक जैन भी नोएडा के उद्योगों को एक नयी गति देने में जुटे हुए। अभिषेक जैन का मामना है कि सफलता किसी अकेले की विरासत नहीं होती और न ही हमें यह किसी से प्राप्त होती है। सफलता पाने के लिए यह महत्त्वपूर्ण है कि आप केवल योजना ही बना कर न बैठें बल्कि उस योजना को मूर्त रूप देने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि सफलता की राह में सैकड़ों बाधाएं और चुनौतियां तो आती हैं, पर उसे धैर्य के साथ एक-एक करके पार किया जा सकता है। रुकावटें आपको कुछ नया करने के काबिल बनातीं हैं। 


अभिषेक जैन का कहना है कि अक्सर विरासत के बारे में बातचीत केवल मूर्त वस्तुओं या धन तक ही सीमित होती है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को हस्तांतरित होती है। वास्तव में, हम जो सबसे बड़ी संपत्ति हस्तांतरित कर सकते हैं, वह हमारे अर्थों की कहानियों के साथ आती है।

उन्होंने कहा कि  हमारी बुद्धि तब विकसित होती है जब हम अपने परिवारों और संस्कृतियों की परंपराओं को अपने सिद्धांतों, मूल्यों और विश्वासों के साथ मिलाते हैं और अपने अनुभवों से प्रभावित होते हैं। हमारे बाद आने वाला बगीचा अनिवार्य रूप से उन बीजों से आता है जिन्हें हमने अपने कार्यों और अपने शब्दों से बोया और सींचा है। हमारे बच्चे, हमारे साथी, हमारे समुदाय हमें देख रहे हैं कि हम उनके भविष्य के बगीचों की देखभाल कैसे करते हैं।