Greater Noida News : धनोरी वेटलैंड में पानी सूखा, पशु- पक्षी परेशान
Apr 30, 2025 - 10:03
Greater Noida News : जनपद गौतम बुद्ध नगर में स्थित धनौरी वेटलैंड का पानी सूख गया है। जमीन पर बड़ी-बड़ी दरारें दिखाई दे रही हैं। पानी सूखने के कारण पक्षी और अन्य वन्य जीव प्यास से तड़प रहे हैं। इनमें राज्य पक्षी सारस भी शामिल है। कई पक्षी दूसरी जगह जाने लगे हैं। पिछले साल भी यही स्थिति थी, लेकिन फिर भी वन विभाग और यमुना प्राधिकरण ने ठोस कदम नहीं उठाया। यहा पर सामान्य से दो माह पहले सूखा है। पर्यावरणविद का आरोप है कि वेटलैंड आने वाले पानी को एयरपोर्ट के निर्माण में प्रयोग किया जा रहा है। अगर जल्द पानी नही छोड़ा गया तो फिर एनजीटी का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
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जनपद गौतम बुद्ध नगर के दनकौर के पास धनौरी वेटलैंड करीब 100 बीघा जमीन पर फैला हुआ है। जबकि आसपास के किसानों की जमीन समेत करीब 33 हेक्टेयर जमीन का हिस्सा जलमग्न रहता है। हर वर्ष सर्दी में यहां पर बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते है। जबकि बार-हेडेड गीज़, पिंटेल, ग्रे-लेग्ड गीज, कूट, टील्स, गैडवॉल्स और उत्तरी शॉवेलर्स ने धनौरी में पड़ाव डाला हुआ है। वहीं, यह राज्य पक्षी सारस का भी गढ़ है। यहां पर सारस के 150 से अधिक जोड़े हैं, लेकिन इस समय पक्षियों को पानी नहीं मिल रहा है। पिछले एक माह से वेटलैंड सूखा हुआ है। इस वजह से ज्यादातर पक्षियों ने वेटलैंड को छोड़ दिया। वो सूरजपुर वेटलैंड और ओखला पक्षी विहार की तरफ रुख कर रहे हैं। पक्षियों के बिना वेटलैंड सुनसान हो गया है। वर्ड वाचर जसविंदर सिंह ने बताया, इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा है। यह हालात जून तक होते थे, लेकिन इस बार अप्रैल में ही पानी पूरी तरह सूख गया है। वन विभाग को वेटलैंड पर ध्यान देने की जरूरत है। पानी नहीं मिलने से पक्षियों को काफी परेशानी होगी। इस समय प्रजनन का समय है। अगर पानी नहीं होगा तो फिर परेशानी बढ़ेगी। इस कारण काफी पक्षी दूसरी जगह जा रहे है। पर्यावरणविद विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि धनौरी वेटलैंड की अनदेखी की जा रही है। यहां पानी खत्म होने में जिम्मेदारों की लारवाही है। पानी छोड़ने के लिए यमुना प्राधिकरण से लेकर वन विभाग में शिकायत की है। अगर जल्द ही हालात में सुधार नहीं हुए तो फिर एनजीटी का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
इस बाबत पूछने पर प्रभागीय वनाधिकारी गौतम बुद्ध नगर पीके श्रीवास्तव ने बताया कि सिंचाई विभाग की तरफ से पानी रोका गया है। पानी चालू करने के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है। तब तक अस्थायी व्यवस्था की गई है। वहां एक छोटा तालाब की खोदाई कराकर पानी भर दिया गया है। ताकि वन्य जीवों को पानी मिल सके।