Special News : नोएडा के थाना सेक्टर 39 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह को मिला राष्ट्रपति का गैलंट्री मेडल 

Aug 14, 2024 - 10:01
Special News : नोएडा के थाना सेक्टर 39 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह को मिला राष्ट्रपति का गैलंट्री मेडल 
Noida News : गौतम बुद्ध नगर पुलिस कमिश्नरेट में थाना सेक्टर 39 के प्रभारी निरीक्षक के पद पर तैनात  निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह को राष्ट्रपति के गैलंट्री मेडल से नवाजा गया है। वर्ष 2019 के जुलाई माह में उन्होंने यूपीएसटीएफ के साथ मिलकर एक लाख के कुख्यात इनामी बदमाश मेहरबान कुरैशी को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें इस पदक से नवाजा गया है।
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 वहीं भारत के राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश के 17 पुलिस कर्मियों को गैलंट्री मेडल दिया है जिसमें कुख्यात माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराने वाले डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, नवेन्दू कुमार, ज्ञानेंद्र राय को राष्ट्रपति के गैलंट्री मेडल से नवाजा गया है। इसके अलावा होमगार्ड और सिविल डिफेंस से असिस्टेंट डिप्टी कंट्रोलर बनवारी लाल, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, अनिल कुमार सिंह, राजीव चौधरी ,सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, जितेंद्र प्रताप सिंह, जयवीर सिंह, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार ,सुनील कुमार, सुशील कुमार, रईस अहमद, कांस्टेबल हरिओम सिंह, विपिन कुमार, अरुण कुमार, अजय कुमार को राष्ट्रपति का गैलंट्री मेडल मिला है।
18 जुलाई वर्ष 2019 के बुधवार की देर रात को गाजियाबाद के साहिबाबाद थाना क्षेत्र में पुलिस और एसटीएफ की तीन बदमाशों के साथ मुठभेड़ हुई थी। जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जबकि, एक बदमाश पुलिस की गोली लगने के बाद ढेर हो गया था। जिसकी शिनाख्त पुलिस ने मेहरबान पुत्र कल्लू कसाई निवासी मोहल्ला रुकनसराय, बुलंदशहर के रुप में की थी। मुठभेड़ में मारे गए बदमाश हिस्ट्रीशीटर मेहरबान की बुलंदशहर की नगर कोतवाली में हिस्ट्रीशीट खुली हुई थी। उसने, वर्ष 2001 में ही जरायम की दुनिया में कदम रखा था और उस दौरान उसने यासीन (चावल वाले) की हत्या कर दी थी। इसके बाद वह एक के बाद एक जरायम के दलदल में कदम रखता चला गया। अकेले नगर कोतवाली में ही उस पर करीब 16 मुकदमें विभिन्न लूट, हत्या, हत्या की कोशिश, चोरी आदि के दर्ज थे। जनपद बुलंदशहर पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये के इनाम की घोषणा की  थी। जिला पुलिस को उसकी बेसब्री से तलाश थी। यासीन मर्डर केस में मेहरबान और उसके साथियों को आजीवन कारावास सेशन कोर्ट से हुई थी। जिसके बाद  हाईकोर्ट ने भी आरोपियों की सजा को बरकरार रखा था। लेकिन, आरोपी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा था। पुलिस लगातार उसकी तलाश में खाक छान रही थी और कोर्ट से भी वारंट जारी हो चुके थे। इसी बीच साहिबाबाद के तत्कालीन थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह और उनकी टीम तथा यूपी एसटीएफ ने एक संयुक्त कार्रवाई में उसे मार गिराया था।