Noida News : बोटैनिकल गार्डन से सेक्टर 142 तक के मेट्रो कॉरिडोर को मिली यूपी कैबिनेट की मंजूरी

Noida News : नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा निर्माण के लिए प्रस्तावित बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन से सेक्टर 142 तक की 11.56 किमी लंबे मेट्रो कॉरिडोर की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को उत्तर प्रदेश की कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को मंजूरी मिल गई।
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कुछ अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद कॉरिडोर निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। अधिकारियों के अनुसार कॉरिडोर की लागत करीब 2254.35 करोड़ रुपये आएगी इसके बनने के बाद नोएडा, ग्रेटर नोएडा सहित दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क यानी एक्वा लाइन, ब्लू लाइन व मजेंटा लाइन कॉरिडोर आपस में जुड़ जाएंगे। इससे नोएडा-ग्रेनो से दिल्ली-एनसीआर के किसी भी कोने में जाने में लोगों को सहूलियत होगी। यहां पहले चरण में करीब 80 हजार लोगों के सफर करने का अनुमान है। कॉरिडोर पर बोटेनिकल गार्डन, नोएडा सेक्टर-44, नोएडा विकास प्राधिकरण का ऑफिस, नोएडा सेक्टर-97, नोएडा सेक्टर-105, नोएडा सेक्टर-108, नोएडा सेक्टर-93 और पंचशील बालक इंटर कॉलेज स्टेशन बनाए जाएंगे। कॉरिडोर का आखिरी स्टेशन सेक्टर-142 होगा। कुल आठ स्टेशन होंगे। यूपी कैबिनेट से मंजूरी के बाद नोएडा प्राधिकरण डीपीआर को आगामी बोर्ड बैठक में रखेगा। इस पर बोर्ड के सदस्य मंथन करेंगे। बोर्ड से अनुमोदन के बाद इसे केंद्र सरकार को अनुमति के लिए भेजा जाएगा।
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अधिकारियों के अनुसार बोटेनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन पर उतरने के बाद शहर के भीतर और शहर से बाहर जाने के लिए बसें मिलेंगी। इसके अलावा यहां से मजेंटा लाइन की मदद से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 तक जाने की सुविधा मिलेगी। मेट्रो की ब्लू लाइन से यात्री चाहें तो नई दिल्ली व आनंद विहार स्टेशन जा सकेंगे।
नोएडा मेट्रो रेल काॅरपोरेशन (एनएमआरसी) के अधिकारियों के मुताबिक, डीपीआर तैयार होने के बाद मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है। यूपी कैबिनेट से मंजूरी के बाद इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। संभव है कि डीपीआर में कुछ संशोधन की दरकार हो। संशोधनों के बाद इसे फिर से केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया में छह महीने भी लग सकते हैं। मंजूरी के बाद सब कुछ ठीक रहा तो कॉरिडोर निर्माण के लिए टेंडर निकाले जाएंगे। फिर एजेंसी चयन के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। इसमें करीब चार वर्ष लगेंगे।कॉरिडोर की फंडिंग के बाबत भारत सरकार की ओर से पहले यूपी शासन से पूछा गया था। यूपी शासन ने नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया, चूंकि पूरा कॉरिडोर प्राधिकरण के क्षेत्र में है। लिहाजा, कॉरिडोर के लिए प्राधिकरण ने फंडिंग के बाबत हामी भरते हुए यूपी शासन को पहले ही सूचित कर दिया था।
कॉरिडोर नोएडा से ग्रेटर नोएडा की ओर जाने के क्रम में एक्सप्रेसवे के बांयी ओर होगा। हालांकि, एक्सप्रेसवे की दूसरे ओर के लोगों को सुविधा दिलाने के लिए फुटओवर ब्रिज आदि तैयार करने की योजना है। इससे दोनों ओर के रिहायशी, ऑफिस एरिया, स्कूल और कॉलेज जोड़े जाएंगे। इसकी मदद से आवागमन आसान करने की कोशिश होगी। इस मेट्रो कॉरिडोर से एक्सप्रेसवे के दोनों ओर की सोसाइटियों में रहने वाले लाखों लोगों को फायदा होगा।योजना के मुताबिक मेट्रो स्टेशनों और आसपास पार्किंग की व्यवस्था होगी, ताकि यहां आने वाले लोगों को वाहन पार्किंग की सहूलियत मिल सके। कोशिश यह होगी कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्किंग की सुविधा मिल सके। इसमें पिछली व्यवस्था में कुछ सुधार भी किया जाएगा, ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।
नोएडा मेट्रो रेल कारपोरेशन के निदेशक लोकेश एम ने बताया कि सेक्टर-142 से बोटेनिकल गार्डन मेट्रो कॉरिडोर को यूपी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। अब इसे नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद मंजूरी के लिए फाइल केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद इसके निर्माण का काम शुरू होगा।