Noida News : फीस लेने के बाद कोर्स पूरा कराने और सेंटर बंद करने वाली संस्था फिटजी के खिलाफ नोएडा पुलिस शिकंजा कसती जा रही है। 382 से अधिक बैंक खाते सीज होने के बाद फिटजी प्रबंधन की ओर से बैंक खाते सीज न करने की गुहार लगाई गई है। इसके पीछे इसी तरह के मुकदमे में प्रयागराज पुलिस को पूर्व में उच्च न्यायालय द्वारा दिए दिशा-निर्देश का हवाला दिया है। हालांकि अभी तक संस्थान के प्रबंध निदेशक डीके गोयल से पुलिस पूछताछ नहीं कर सकी है।
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पिछले दिनों थाना सेक्टर-58 में सतसंग कुमार की शिकायत पर संस्थान के प्रबंध निदेशक डीके गोयल और सेक्टर-62 स्थित सेंटर के संचालक समेत अन्य पदाधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया था कि संस्थान की ओर से फीस लेने के बाद भी बिना सूचना दिए सेंटर को बंद कर दिया गया। इसके चलते उनके बच्चे का भविष्य अधर में लटक गया है। पुलिस ने संस्थान के विभिन्न बैंकों में खुले 382 से अधिक खातों में सीज कराते हुए उनमें जमा दो करोड़ से अधिक रुपये को भी फ्रीज करा दिया है। खाते सीज होने के बाद पुलिस अधिकारियों को संस्थान की ओर से प्रार्थना पत्र दिया गया है। उसमें कहा है कि संस्थान के खिलाफ जून 2024 में इसी तरह का मुकदमा प्रयागराज के सिविल लाइन थाने में दर्ज हुआ था। प्रयागराज पुलिस द्वारा भी बैंक खाते सीज कराए गए थे। इसके बाद संस्थान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। हाईकोर्ट के शर्तों के साथ दिए दिशा-निर्देश के बाद बैंक खातों को अनफ्रीज करा दिया गया था। उसी क्रम में उनके खातों को अनफ्रीज करा दिया जाए। डीसीपी रामबदन सिंह का कहना है कि केस की विवेचना की जा रही है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। संस्थान की ओर से पत्र मिला है, लेकिन उनके बैंक खाते अनफ्रीज कराने का आदेश नहीं मिला है। फिलहाल बैंक खातों के लिंक खातों की जांच कराई जा रही है। अभिभावकों को न्याय दिलाया जाएगा।
प्रयागराज के सिविल लाइन थाने में जून 2024 में अभिभावकों की ओर से फिटजी के निदेशक डीके गोयल, मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव बब्बर, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी मनीष आनंद, ब्रांच के प्रशासनिक अधिकारी अनूप श्रीवास्तव और अमित पांडेय समेत अन्य के खिलाफ करोड़ों की ठगी, धमकी, गाली-गलौज और अमानत में खयानत की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
प्रयागराज पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संस्थान के 50 से अधिक बैंक खातों को सीज करा दिया था। इनमें जमा रकम को भी फ्रीज करा दिया गया था। यही नहीं पुलिस ने संस्थान के निदेशक डीके गोयल समेत तीन के पासपोर्ट भी सीज करा दिए थे। बैंक खाते फ्रीज होने और पासपोर्ट सीज होने के चलते संस्थान के पदाधिकारियों में खलबली मच गई थी। प्रयागराज पुलिस का कहना है कि हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ बैंक खाते अनफ्रीज करने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट से मिले दिशा-निर्देश के बाद संस्थान की ओर से बड़ी संख्या में अभिभावकों को उनके द्वारा जमा कराई फीस करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये वापस करना पड़ा था। इसके बाद बैंक खाते अनफ्रीज हुआ और पासपोर्ट पर लगी पाबंदी को हटवाया था। प्रकरण में आज भी जांच जारी है।