Gautam Budh Nagar Court News : दिव्यांग किशोर के साथ कुकर्म कर हत्या करने की दो आरोपियों को आजीवन कारावास

Jul 22, 2025 - 09:27
Gautam Budh Nagar Court News : दिव्यांग किशोर के साथ कुकर्म कर हत्या करने की दो आरोपियों को आजीवन कारावास
District and Sessions Court Gautam Budh Nagar

Gautam Budh Nagar District and Sessions Court News : जनपद गौतम बुद्ध नगर न्यायालय ने दिव्यांग किशोर के साथ कुकर्म कर उसकी हत्या करने के मामले में दो दोषियों को सोमवार को आजीवन कारावास ( Life Imprisonment ) की सजा सुनाई। अदालत ने उन पर एक लाख पंद्रह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड का 80 प्रतिशत वादी को देना होगा। न देने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। 

पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि 18 मार्च 2020 को जेवर थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले 15 वर्षीय दिव्यांग किशोर घर से लापता हो गया था। पिता ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस की जांच में पता चला था कि किशोर को कस्बे में रहने वाले साहिल और इरफान अपने साथ ले गए थे।

इस बीच किशोर के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए गए और फिर ईंट से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई। शव को अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में एक कॉलेज के पास खेत से बरामद किया गया था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर हत्याकांड का खुलासा किया। इसके बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। अदालत में आरोपियों के वकील ने दलील दी थी कि मौत अनजाने में हुई और आरोपी और पीड़ित दोस्त थे। आरोप झूठे और गढ़े गए हैं। शिकायत में वर्णित पीड़ित की शारीरिक बनावट, कपड़े और चप्पल का विवरण बरामद शव से मेल नहीं खाता है। पंचायतनामा, एफएसएल रिपोर्ट और बरामद शव की शारीरिक बनावट में विसंगतियां हैं, लेकिन अदालत ने इस दावे को खारिज कर दिया। 

उन्होंने बताया कि इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पास्को- दो विजय कुमार हिमांशु की अदालत में चल रही थी। अदालत में केस की सुनवाई के दौरान साक्ष्य एवं गवाह के आधार पर दोनों को दोषी ठहराया गया। अदालत ने दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने सभी साक्ष्यों का गहन विश्लेषण करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि अभियोजन पक्ष अपना मामला साबित करने में सफल रहा है। सीडीआर और लास्ट सीन थ्योरी के आधार पर आरोपियों की उपस्थिति साबित हुई। सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा कि आरोपियों ने एक निर्दोष और दिव्यांग किशोर के साथ अमानवीय जुल्म किया, जो दुर्लभतम में दुर्लभ अपराध की श्रेणी में आता है। मामला अत्यंत घिनौना है, जिसमें एक दिव्यांग किशोर के साथ शारीरिक शोषण के बाद उसकी क्रूर हत्या की गई। पीड़ित का चेहरा पहचान से परे विकृत कर दिया गया था। हत्या घबराहट में की गई प्रतीत होती है, लेकिन चेहरे को विकृत करना निश्चित रूप से जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। आरोपियों की कम उम्र को देखते हुए मृत्युदंड के बजाय आजीवन कारावास की सजा उचित समझी गई। किशोर के पिता ने अदालत के फैसले को न्याय की जीत कहा है।