नोएडा प्राधिकरण में अरबो रूपए का मुआवजा वितरण घोटाला: एसआईटी की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने नकारा

Aug 5, 2024 - 08:50
नोएडा प्राधिकरण में अरबो रूपए  का मुआवजा वितरण घोटाला: एसआईटी की जांच को सुप्रीम कोर्ट ने नकारा
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Noida News : नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) में अतिरिक्त मुआवजा वितरण में हुए घोटाले की नए सिरे से जांच होगी। इसके लिए नए सिरे से तीन सदस्यीय कमेटी बनेगी। यह कमेटी फिर से मुआवजा वितरण की जांच करेगी। इसकी निगरानी हाईकोर्ट के पूर्व जज करेंगे। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट मे हो रही सुनवाई में यह आदेश कोर्ट ने दिए है। कमेटी बनाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया गया है।

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कमेटी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रैंक के तीन आईपीएस को शामिल किया जाएगा। कमेटी में शामिल पुलिसकर्मी यूपी कैडर के हो सकते हैं, लेकिन यूपी के निवासी नहीं होने चाहिए। इनकी मदद से अतिरिक्त मुआवजा वितरण में हुए गड़बड़झाले की पोल खोली जाएगी। दरअसल, कोर्ट यह मानने को तैयार नहीं है कि इस गड़बड़झाले में केवल दो लोग शामिल हैं। इस बाबत कोर्ट ने पहले भी एसआईटी को फटकार लगाई थी। उस दौरान एसआईटी केवल एक नाम लेकर कोर्ट गई थी। अब जब दूसरी बार एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट दी है तो केवल दो नाम हैं।

कोर्ट का यह मानना है कि इस घोटाले में कई लोग शामिल हो सकते हैं। जिन्होंने इस तरह का काम किया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब तक मामले में पूरी सुनवाई नहीं हो जाती तब तक मुआवजा पाने वाले किसानों के साथ प्राधिकरण कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकता।

 मालूम हो कि वर्ष 2023 से गेझा तिलपताबाद के अतिरिक्त मुआवजा वितरण मामले की जांच एसआईटी ने शुरू की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी सरकार ने एसआईटी बनाई थी। एसआईटी की टीम दो बार नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय आई और जांच की गई। इसमें नोएडा प्राधिकरण की ओर से भी सहयोग किया गया। इसमें शुरुआती दौर में 7.26 करोड़ रुपए अतिरिक्त मुआवजे के मामले की जांच शुरू हुई। लेकिन बाद में बताया गया कि मिलीभगत करते हुए 100 करोड़ से अधिक का अतिरिक्त मुआवजा दिया गया है। लेकिन इसमें दूसरे किसी आरोपी को सामने नहीं लाया जा सका। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट ने फिर से जांच के आदेश दिए हैं