Noida News : अरबों रुपये के जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल तीन उद्यमी दिल्ली व जयपुर से गिरफ्तार
Noida News : देश भर में 2600 से अधिक फर्जी कंपनी खोलकर सरकार को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान पहुंचाने वाले एक गिरोह के तीन उद्यमियों को क्राइम रिस्पांस टीम, एसओजी और सेक्टर-20 पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। तीनों बीते आठ माह से फरार चल रहे थे। इस मामले में नोएडा पुलिस अब तक 47 आरोपियों की गिरफ्तारी कर चुकी है।
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ऋषभ जैन पुत्र योगेश जैन, तरूण जिन्दल पुत्र पवन कुमार जिन्दल तथा शुभम जिंदल पुत्र पवन कुमार जिन्दल को दिल्ली और जयपुर (राजस्थान) से गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि तीनों फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर ठगी कर रहे थे। लंबे समय से वांछित चल रहे आरोपियों पर नोएडा पुलिस ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। गिरफ्त में आए तीनों आरोपी उद्यमी हैं और इनका मेटल समेत अन्य का कारोबार है। शुभम और तरुण सगे भाई हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने कई ऐसी कंपनी और फर्म बनाई जिसका वजूद सिर्फ कागजों पर रहा। धरातल पर वह कंपनी थी ही नहीं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनाई गई कंपनी की आरोपियों ने बिलिंग की और इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम कर सरकार से करोड़ों रुपये ले लिए। तीनों आरोपी पूर्व में जीएसटी विभाग से भी जेल जा चुके हैं।
बता दें कि बीते चार मार्च को जीएसटी फर्जीवाड़े में शामिल कुणाल मेहता ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था। जिसके पास से अहम दस्तावेज बरामद हुए थे। पुलिस ने इस पर 25 हजार का इनाम भी रखा था। पुलिस ने उसकी 48 घंटे की रिमांड ली। जिसके बाद उसने पुलिस को कई ठिकानों की जानकारी दी और उसे दिल्ली समेत अन्य ठिकानों पर ले भी जाया गया। फर्जीवाड़े में शामिल कई अन्य आरोपियों के बारे में भी पुलिस को कुणाल से जानकारी मिली थी। रिमांड पर आए आरोपी से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने दो अन्य कारोबारियों को दबोचा। इन्हीं कारोबारियों से पुलिस को शुभम, तरुण और ऋषभ के बारे में जानकारी मिली। बीते साल जून में नोएडा पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश किया था।
इस मामले में इन तीनों के अलावा अब तक गौरव सिंघल, गुरमीत सिंह, राजीव ,राहुल, विनीता, अश्वनी, अतुल सेंगर, दीपक मुरजानी, यासीन, विशाल, राजीव, जतिन, नंदकिशोर, अमित कुमार ,महेश, प्रीतम शर्मा, राकेश कुमार, अजय कुमार, दिलीप कुमार, मनन सिंघल, पीयूष, अतुल गुप्ता, सुमित गर्ग, कुणाल समेत 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की प्रभावी पैरवी के चलते इस फर्जीवाड़े में जेल गए किसी भी आरोपी की अभी तक जमानत नहीं हो सकी है। कमिश्नरेट के गठन के बाद से अबतक का यह यह सबसे बड़ा गुडवर्क है।
गौरतलब है कि आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैन कार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल करके उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे। इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था। इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर फर्जी बिल बनाकर जीएसटी रिफंड प्राप्त कर सरकार को करोड़ों का चूना लगाते थे। जांच मे यह पता चला है कि जालसाज फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ ऑन डिमांड बेच देते थे। इन कंपनियों के नाम पर पैसे जमा कर काले धन को सफेद किया जा रहा था। गिरोह में शामिल इनामी समेत कई अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।