Noida News : गौतम बुद्ध नगर न्यायालय ने दिया कुशीनगर के डीपीओ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश

Oct 10, 2025 - 22:48
Noida News : गौतम बुद्ध नगर न्यायालय ने दिया कुशीनगर के डीपीओ के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश
District and Sessions Court Gautam Budh Nagar

Noida News : जनपद गौतम बुद्ध नगर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने स्टेशनरी आपूर्ति के बाद बिल का भुगतान न होने के प्रकरण में थाना दादरी पुलिस को कुशीनगर जिले के पूर्व जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) शशि कुमार सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश तब पारित किया गया जब जिलाधिकारी कुशीनगर द्वारा नौ माह बीत जाने के बाद भी न्यायालय के आदेश के अनुपालन में कोई आख्या प्रस्तुत नहीं की गई।

दादरी में स्थित स्टेशनरी आपूर्ति करने वाले एक फार्म के निदेशक विवेक गोयल का आरोप है कि जिला कुशीनगर के बाल विकास परियोजना अधिकारी और अन्य सरकारी अधिकारी उनके द्वारा सप्लाई किए गए स्टेशनरी माल के भुगतान में लगातार देरी करने के साथ धोखाधड़ी की है। आरोप है कि वर्ष 2020 में उनकी कंपनी ने कुशीनगर जिले की तीन तहसीलों में एल-1 कैटेगरी की स्टेशनरी की आपूर्ति की थी। इस आपूर्ति के लिए कुल 7,49,910 रुपये का भुगतान होना था। अधिकारी लगातार नए बहाने बनाकर भुगतान टालते रहे। आरोप है कि प्रभास श्रीवास्तव और दीपक राय सहित अन्य अज्ञात लोगों ने भी भुगतान प्रक्रिया में बाधा डाली और उन्हें इंदिरा भवन लखनऊ बुलाकर धोखाधड़ी की। उनके साथ कमलेश गुप्ता नामक व्यक्ति के माध्यम से छल किया गया।

 न्यायालय ने 3 दिसंबर 2024 को आदेश पारित किया था कि मामला पंजीकृत किए जाने से पूर्व जिलाधिकारी कुशीनगर से अनुमति प्राप्त की जाए। क्योंकि आरोपित लोकसेवक श्रेणी में आते हैं। लेकिन नौ माह बीत जाने के बाद भी जिलाधिकारी की ओर से कोई अनुमति और टिप्पणी प्राप्त नहीं हुई। इस पर न्यायालय में पुनः प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया। बावजूद नियत तिथि तक कोई रिपोर्ट न्यायालय को प्राप्त नहीं हुई। मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कहा कि नौ माह से अधिक समय बीत चुका है, जो कानूनी सीमा से कहीं अधिक है। अतः यह माना जाएगा कि जिलाधिकारी कुशीनगर की ओर से कोई आपत्ति नहीं है। स्वीकृति प्रदान की गई समझी जाएगी। न्यायालय ने मामले के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए थाना दादरी के प्रभारी निरीक्षक को निर्देशित किया है कि वह इस प्रकरण में मामला पंजीकृत करें और विधि अनुसार विवेचना करें। वहीं मामले में पूर्व डीपीओ से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।