Noida News : आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर का जन्म दिन धूमधाम से स्वर्णनगरी स्थित कृष्णा नर्सरी स्कूल में मनाया गया। इस मौके पर महासत्संग भजन और महाप्रसाद का आयोजन किया गया।
आर्ट ऑफ लिविंग के राज्य टीचर संयोजक दीपंकर राज ने बताया कि जन्मदिवस कार्यक्रम "तेरा मैं" की शुरुआत गणेश वंदना के साथ की गई।
क्षेत्रीय संयोजक राजेश मथुर ने बताया इसके पश्चात भक्तों द्वारा गुरु वंदना की गई। आर्ट ऑफ लिविंग के एपेक्स संजय द्राबू ने विश्वस्तरीय आध्यात्मिक एवं मानवतावादी धर्मगुरु श्रीश्री रविशंकर के जीवन पर प्रकाश डाला।
आर्ट ऑफ लिविंग की सीनियर फैकल्टी डॉ.साधना जायसवाल ने बताया कि गुरुदेव कहते हैं कि सांस शरीर और मन के बीच एक कड़ी की तरह है जो दोनों को जोड़ती है। इसे मन को शांत करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। वे इस बात पर भी जोर देते हैं कि ध्यान के अलावा दूसरे लोगों की सेवा भी इंसान को करनी चाहिए। वे विज्ञान और आध्यात्म को एक-दूसरे का विरोधी नहीं, बल्कि पूरक मानते हैं।
कार्यक्रम के दौरान भजन गायक अंकित ढींगरा, कुणाल एवं श्रुति श्रीवास्तव द्वारा भजन की प्रस्तुति दी गई। "अच्युतम केशवं कृष्णा दामोदरं" , "कौन कहता है कि भगवान आते नहीं" भजन ने मौजूद लोगों को भक्ति रस में डुबो दिया। कार्यक्रम का समापन महा प्रसाद वितरण के साथ हुआ। सभी लोगों ने गुरुदेव का आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर आर्ट ऑफ लिविंग से संजय द्राबू (एपेक्स), डॉ.साधना जायसवाल, डॉ. अमित गुप्ता, डॉ.आरवी त्यागी, दीपांकर राज, राजेश माथुर, रविशा बक्शी, एके चतुर्वेदी, सरोज त्यागी, नीता चतुर्वेदी, नीति श्रीवास्तव, छवि, नितिन, रीना, सुनीता राय, अंशु रासयोगी सहित अन्य भक्तगण मौजूद रहे।