Noida News : प्लॉट बेचने के नाम पर महिला के साथ लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले वांछित को अपराध शाखा गौतमबुद्धनगर और क्राइम रिस्पांस टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रविवार को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्त में आया आरोपी बीते पांच साल से फरार चल रहा था। कुछ लोगों द्वारा आरोपी को मृत बता दिया गया था। वहीं पुलिस को शुरू से ही शक था कि आरोपी रजनीश ने खुद को मृत बताने की साजिश रची है। मुखबिर से मिली सूचना पर आरोपी को बिसरख थानाक्षेत्र से दबोचा गया। आरोपी की पहचान बिहार के गया निवासी रजनीश शर्मा के रूप में हुई है। पुलिस इस मामले में पूर्व में प्रयागराज निवासी योगेश कुमार, सर्फाबाद निवासी पप्पू यादव, सीतापुर निवासी इश्तियाक, रामपुर निवासी इमरान और बिलाल, इकोटेक थर्ड निवासी रोहित, सेक्टर-62 निवासी लाखन सिंह और प्रतापगढ़ निवासी चंद्रशेखर वर्मा को गिरफ्तार कर चुकी है।
थाना सेक्टर-49 के प्रभारी निरीक्षक अनुज कुमार सैनी ने बताया कि पांच साल पहले 11 जुलाई 2019 को साधना गर्ग ने थाना सेक्टर-49 में प्लॉट की धोखाधड़ी के संबंध में एक मुकदमा दर्ज कराया था। केस योगेश, पप्पू यादव, इश्तियाक, इमरान, रोहित और लाखन सिंह समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था। जिसमें योगेश व एक अन्य व्यक्ति सुनील शर्मा (असली नाम इमरान) द्वारा पीड़िता और उसके पति को एक जगह पर बुलाया गया। दोनों को सेक्टर 78 व 79 में सस्ते में प्लॉट देने की बात कही गई। दोनों को सेक्टर 79 के सिक्का प्रोजेक्ट के पास मेट्रो स्टेशन सेक्टर-101 के पीछे ग्राम सरफाबाद क्षेत्र में खाली जगह दिखाई गई। वहां पीड़िता और उसके पति से पप्पू यादव मिला, जिसने बताया कि वह यहां प्लाटिंग करता है। उसने एक फर्जी नक्शा दिखाया। बताया कि पूरी जमीन का जनरल पावर ऑफ अटार्नी इश्तियाक नामक व्यक्ति के पास है। उसी दिन 100 रुपए का एग्रीमेंट टू सेल लेटर बनाया गया। जमीन की कीमत 32 लाख रुपए लगाई गई। 30 मार्च 2019 को 5-5 लाख रुपए के चार चेक शारदा रियल टेक के नाम से दिया गया व पांच लाख रुपया का एक अन्य चेक एनआई इंफ्राटेक के नाम से और पांच लाख रुपया का एक चेक रजनीश के नाम से दिया गया। रजिस्ट्री ऑफिस में जाकर रजिस्ट्री कराई गई।
ऐसे हुए धोखाधड़ी की जानकारी:
रजिस्ट्री के बाद जब पीड़िता जमीन पर कब्जा लेने गई तो पता चला कि वह जमीन उसकी नहीं है। लाजपत बबेजा नाम के व्यक्ति द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय गाजियाबाद में जांच की गई पता चला कि कथित फर्जी प्लॉट का बैनामा पीड़िता साधना गर्ग एवं उनकी बेटी को किया गया है। एक अन्य महिला द्वारा भी अपने साथ हुई घटना के संबंध में अलग से मुकदमा दर्ज कराया गया था। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ। जांच के क्रम में बताया गया कि रजनीश शर्मा की मौत हो चुकी है। डीसीपी क्राइम ब्रांच शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि शक होने पर टीम ने रजनीश की लोकेशन को ट्रैक किया। इसके बाद सोशल मीडिया अकाउंट से उसे ट्रैक करने का प्रयास हुआ। हाल ही में रजनीश के बारे में अहम जानकारी पुलिस को मिली। शक और गहरा होने पर मुखबिर तंत्र को और सक्रिय किया गया। इसके बाद लंबे समय से फरार आरोपी की गिरफ्तारी हुई।