Greater Noida News : सशस्त्र सीमा बल के एक जवान सहित चार लोगों को थाना नॉलेज पार्क पुलिस ने मादक पदार्थ एमडीएमए की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह छात्रों को ड्रग सप्लाई करता था। इसके पास से 25 लाख रुपए कीमत की 600 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स बरामद हुई है।
Police Station Knowledge Park Greater Noida News : पुलिस आयुक्त श्रीमती लक्ष्मी सिंह के मीडिया प्रभारी ने बताया कि एक सूचना के आधार पर नॉलेज पार्क पुलिस ने बीती रात को एसएसबी के जवान रोहित कुमार सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक कॉलेज के लैब टेक्नीशियन नकुल, परचून की दुकान करने वाले कृष्ण और साइबर कैफे संचालक लव कुश तेवतिया शामिल है। उन्होंने बताया कि इनके पास से पुलिस ने करीब 25 लाख रुपए कीमत का एमडीएमए मादक पदार्थ बरामद किया है। उन्होंने बताया कि एसएसबी का जवान रोहित इस गैंग का मुख्य सरगना है। नकुल नॉलेज पार्क स्थित एक कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के पद पर काम करता है। इसी की आड़ में वह बच्चों को ड्रग्स के जाल में फंसाता है। उन्होंने बताया कि आरोपी जवान ढाई महीने पहले छुट्टी लेकर आया था। इसके बाद वह ड्यूटी पर वापस नहीं लौटा बताया जाता है। उसने घुटने की हड्डी टूटने का बहाना बनाकर मेडिकल ले रखा था। इसके बाद वह गैर हाजिर चल रहा था। पुलिस को शक है कि आरोपी जवान कुछ अन्य देशद्रोही तत्वों के साथ मिलकर ड्रग्स का कारोबार कर रहा है। पुलिस के आला अधिकारी भी इससे पूछताछ कर रहे हैं।
शिक्षा का हब कहे जाने वाले नॉलेज पार्क में करीब 100 छोटे बड़े स्कूल, कॉलेज हैं। यहां 50 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं। बड़ी संख्या में हॉस्टल भी बने हैं। इस कारण ड्रग्स, गांजा तस्कर यहां सक्रिय है। तस्कर पान की गुमटी, रेहड़ी-पटरी लगाने वालों के माध्यम से छात्रों को अपना निशाना बनाते हैं। वहीं पूर्व छात्र के अलावा हाउसकीपिंग, पैंट्री, सुरक्षा गार्ड भी कम समय में अधिक मुनाफे के लिए तस्करों से हाथ मिलाकर छात्रों तक गांजे और ड्रग्स की सप्लाई पहुंचाने में मदद कर रहे हैं। गिरोह में नशे का सेवन करने वाले छात्र भी शामिल हैं। पूर्व में पुलिस कई गिरोह को गिरफ्तार कर चुकी है जिसमें छात्र भी शामिल मिले हैं। आरोपी ऑनलाइन के साथ ही ऑफलाइन तरीके से तस्करी कर रहे हैं। बकायदा शातिराना तरीके से ग्रुप बनाकर मादक पदार्थों की सप्लाई की जाती है। गिरोह मोबाइल पर ऑर्डर लेने के बाद वॉट्सएप पर लोकेशन मंगाते हैं। इसके बाद ई कॉमर्स कंपनी के लिफाफे और पॉलिथीन में पैक कर चरस और गांजा पहुंचाते हैं। ऑनलाइन डिलीवरी भी की जाती है। इसके लिए बाइक टैक्सी, ऑनलाइन सामान ट्रांसपोर्ट करने वाली कंपनियों की मदद ली जाती है।