Greater Noida News : अदालत के फैसले पर टिकी है अखलाक के परिवार की निगाहें, उत्तर प्रदेश सरकार ने बिसाहड़ा कांड मामले में केस वापस लेने की कोर्ट में दी है अर्जी

Nov 17, 2025 - 22:37
Greater Noida News : अदालत के फैसले पर टिकी है अखलाक के परिवार की निगाहें, उत्तर प्रदेश सरकार ने बिसाहड़ा कांड मामले में केस वापस लेने की कोर्ट में दी है अर्जी
Akhlaq File Photo

Greater Noida News : बिसाहड़ा गांव में अखलाक मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपियों के खिलाफ चल रहे मुकदमे को सरकार द्वारा वापस लेने के मामले में पीड़ित परिजन का कहना है कि उनकी निगाह अदालत के फैसले पर टिकी है। इस मामले में अभियोजन की ओर से लगाई गई याचिका पर 12 दिसंबर को सुनवाई होनी है। परिजन का कहना है कि मामले में अदालत के फैसले के बाद बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे।

मृतक अखलाक के भाई जान मोहम्मद ने बताया कि अभियोजन और सरकारी वकील की ओर से कोर्ट में केस वापसी के लिए जो अर्जी लगाई गई है। उसके संबंध में शासन के आदेश के दस्तावेज की कॉपी अबतक नहीं मिली हैं। मामले में जो अगली तारीख है उसके आधार पर अपने वकील से सलाह कर फैसला लेंगे। मामले में गवाही जारी है। इसलिए सरकार और अभियोजन की ओर से लगाई गई अर्जी के संबंध में कुछ भी टिप्पणी करना सही नहीं है।

वहीं अखलाक के परिवार के वकील युसूफ सैफी ने बताया कि जो जानकारी मिली है कि उसके तहत सरकार ने धारा-321 के तहत एक प्रार्थना पत्र लगाया है। इस मामले में सरकार केस वापसी के लिए न्यायालय से निवेदन कर सकती है। सरकारी वकील के द्वारा न्यायालय में जो प्रार्थना पत्र लगाया गया है कि उसमें यह हवाला दिया गया है कि इसमें राज्यपाल की भी मंजूरी है। केस वापसी का इसका फैसला न्यायालय करेगा कि केस वापस होगा या नहीं होगा। वह अपना पक्ष मजबूती के साथ रखेंगे। उन्होंने कहा कि इस तरह के केस में सरकार कभी भी केस वापस नहीं ले सकती, क्योंकि मामले में एक व्यक्ति की हत्या हुई और मॉब लिंचिंग हुई है। मामले में गवाह व साक्ष्य हैं। इस मामले में अब गवाही चल रही है। अखलाक का बेटा दानिश मामले में गवाह है। चश्मदीद गवाह शाहिस्ता जोकि अखलाक की बेटी है उसके न्यायालय में बयान हो चुके हैं। फिलहाल केस लंबित है। बावजूद यह प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया गया है। इसमें एफआईआर में नामजद 10 लोग थे। अज्ञात 5 लोग थे। चार्जशीट 15 लोगों के खिलाफ आई थी और 2 जुवानाइल थे, जिनका कोर्ट में मामला चल रहा है। सभी लोग जमानत पर बाहर है केस ट्रायल में है गवाही हो रही है।

 अखलाख के अधिवक्ता का कहना है कि मामले में गवाही चल रही है। गवाहों की संख्या में बदलाव नहीं किया गया है। सभी के बयान रिकार्ड किया गया है। जिस मांस पर हत्या हुई थी वहीं बरामद किया गया था। पशु चिकित्सा अधिकारी को दिया था उसका सीजर मेमो बनाया गया था। उसका परीक्षण किया था। उस मांस का लाल रंग था। फैट उसका सफेद रंग है। बीफ और बकरे का मांस में यही फर्क होता है। बीफ का रंग सफेद होगा। फैट का पीला होगा। वह बकरे का मांस था। बकरे का मांस कैसे बीफ होकर आ गया यह जांच का विषय है।

 28 सितंबर 2015 की रात को थाना जारचा क्षेत्र के गांव बिसाहड़ा में गोमांस के सेवन की अफवाह फैलने के बाद भीड़ ने एक घर पर हमला कर दिया था। इस दौरान गांव निवासी अखलाक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। जबकि उसका बेटा दानिश गंभीर रूप से घायल हुआ था। इस घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया था और बिसाहड़ा गांव सुर्खियों में आ गया था। मामले में अखलाख की पत्नी इकरामन ने दस लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। विवेचना में चश्मदीद गवाहों में पत्नी इकरामन, मां असगरी, पुत्री शाहिस्ता और पुत्र दानिश के बयान दर्ज हुए थे। शुरुआती बयानों में 10 आरोपियों का नाम आया था, लेकिन बाद के बयानों में गवाहों ने अन्य 16 नाम और जोड़े। पुलिस ने घटनास्थल से मांस के टुकड़े बरामद कर मथुरा की फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे थे। बाद में आई रिपोर्ट में मांस गौवंशीय (गाय का मांस) पाया गया था।