सुरेश चौधरी
Noida News : साइबर रेप में फंसाकर, एप द्वार लोन देकर लोगो का उत्पीड़न किए जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए नोएडा पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बनाई है। जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि यूपी, हरियाणा व राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र मेवात के साइबर जालसाज सेक्सटॉर्शन की घटनाओं में सबसे आगे हैं। इस तरह की जालसाजी में शामिल ठगों का डाटा तैयार हो रहा है। इसमें शामिल गैंगों की भी पहचान की जा रही है। लोन एप को लेकर भी साइबर क्राइम पुलिस अलग-अलग एजेंसियों से संपर्क में है और इसमें स्थानीय स्तर पर शामिल जालसाजों के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रही है।
साइबर क्राइम पुलिस के अधिकारियों के अनुसार मेवात के साइबर अपराधी जामताड़ा को भी पीछे छोड़ रहे हैं। मेवाती साइबर जालसाजों को ओएलक्स फ्रॉड से लेकर सेक्सटॉर्शन मे महारथ हासिल है। नोएडा में साइबर क्राइम थाने में जितने भी मामले सामने आ रहे हैं, उनमें एक चौथाई मेवात से जुड़ी है। यूपी साइबर क्राइम पुलिस के रडार पर मेवाती साइबर क्राइम गैंग है।
नोएडा साइबर क्राइम के एसीपी विवेक रंजन राय ने बताया कि सेक्सटॉर्शन में शामिल जालसाज पहले व्हाट्सएप पर लगे डीपी व अन्य साइट की फोटो देखते हैं। इसके बाद अधेड़ व बुजुर्गों को निशाना बनाकर उनके पास वीडियो कॉल करते हैं। इस दौरान चंद सेकेंड में ही सामने वाले की अश्लील वीडियो बना लेते हैं। इसके बाद ब्लैकमेल करते हैं। एसीपी ने बताया कि हमलोगों ने इस तरह की घटनाओं में शामिल कई जालसाजों को गिरफ्तार किया है और कई गैंग व जालसाजों का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इन्हें चिह्नित कर अन्य राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि मेवाती गिरोह के साइबर क्राइम का दायरा भी काफी फैला हुआ है। चूंकि यह तीन राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है। इस कारण इन पर नकेल कसने को लेकर पुलिस को अधिक सावधानी बरतनी पड़ती है।
मेवात के सक्रिय साइबर जालसाज सेक्सटॉर्शन करने के लिए ऑनलाइन कोर्स कर रहे हैं और दूसरे को भी ट्रेनिंग दे रहे हैं। साइबर क्राइम के लिए मेवात के कई गांव में क्रैश कोर्स कराया जा रहा है। यहां बाकायदा क्रैश कोर्स के जरिए साइबर ठग बनाने की ट्रेनिंग दी जाती है। मेवात के कई गांवों में इसका सेंटर है और उसके कई कोडवर्ड व नियम हैं। इसके लिए बकायदा फीस भी ली जाती है। ठगी के सेंटर में कुछ गेस्ट टीचर भी रहते हैं जो ऑनलाइन क्लास लेते हैं। मेवात इलाके में ठगी की ट्रेनिंग के लिए साइबर जालसाजों ने बकायदा एक सिलेबस भी बना रखा है। इस सिलेबस के मुताबिक उन्हें ठगी करने के तौर तरीके सिखाए जाते हैं।
एसीपी ने बताया कि साइबर जालसाजों के पास लोगों का डाटा उपलब्ध है और इस डाटा से मोबाइल नंबर लेकर व्हाट्स एप पर लगी डीपी सबसे पहले देखते हैं। इससे टार्गेट की उम्र का अंदाज लगा लेते हें। फिर अधेड़ व बुजुर्गों के पास मैसेज भेजेंगे। जिस नंबर से जालसाज मैसेज भेजते हैं। उस व्हाट्सएप के डीपी पर लड़कियों की उत्तेजक तस्वीरें होती हैं। उसके बाद व्हाट्स एप कॉल कर उनके अश्लील वीडियो बना लेते हैं।