Noida News : पार्सल में ड्रग्स समेत अन्य आपत्तिजनक सामान होने का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने एक व्यक्ति को 25 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर उनसे 35 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित ने मामले की शिकायत साइबर क्राइम थाने में की है। पुलिस ने अज्ञात जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
साइबर क्राइम थाने के प्रभारी निरीक्षक उमेश नैथानी ने बताया कि शिकायत में सेक्टर-31 निवासी हेमंत छावड़ा ने आरोप लगाए है कि एक मई को उनके पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को फेडेक्स कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताते हुए शिकायतकर्ता को जानकारी दी कि उसके नाम से जो पार्सल भेजा गया था उसे मुंबई के एक्साइज विभाग ने जब्त कर दिया है। पार्सल में ड्रग्स, पासपोर्ट, कपड़े और क्रेडिट कार्ड समेत अन्य सामान होने की जानकारी भी कथित फेडेक्स कंपनी के कर्मचारी की ओर से दी गई। शिकायतकर्ता ने जब उससे पूछा कि यह कैसे हुआ तो उसने कॉल को मुंबई में अंधेरी पूर्व स्थित सीबीआई की शाखा के अधिकारी के पास ट्रांसफर करने का नाटक किया। उस कथित अधिकारी ने बताया कि उनके आधार नंबर का दुरुपयोग किया गया है। साथ ही कहा कि यह मामला आतंकवादी गतिविधियों और मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़ा है।
उसने बताया कि इस तरह के मामले में वर्तमान में एक पार्टी के नेता मोहम्मद इस्लाम मलिक जेल में हैं। बताया कि यह पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा जा रहा था। इस मामले में शिकायतकर्ता को जेल जाने का डर दिखाकर जालसाजों ने करीब 25 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। इस दौरान हेमंत को न को कॉल डिस्कनेक्ट करने दी गई और न ही किसी से संपर्क करने का मौका दिया गया। कहा गया कि अगर जांच के बारे में किसी को बताया तो शिकायतकर्ता और उनके परिजनों को खतरा हो सकता है। स्काइप वीडियो कॉल के जरिये करीब 25 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। कॉल करने वालों ने कहा कि वह शिकायतकर्ता को निर्दोष साबित करने में जुटे हैं। अगर वह सहयोग नहीं करेंगे तो घर पर पुलिस भेजकर गिरफ्तार करा लेंगे।
जालसाजों ने उन्हें डराकर दो बार में 35 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए। जब शिकायतकर्ता से और पैसे की मांग की जाने लगी तो उसे ठगी की आशंका हुई। पैसे वापस मांगने पर जालसाजों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया। इसके बाद हेमंत ने मामले की ऑनलाइन शिकायत की। इसका फायदा यह हुआ कि ठगी की 35 लाख रुपये की राशि में से 14 लाख 45 लाख रुपये की रकम संबंधित बैंक द्वारा फ्रीज करा दी गई। 20.55 लाख रुपये अभी भी साइबर अपराधियों के पास हैं। जिन खातों में रकम ट्रांसफर हुई है,पुलिस उन खातों की जानकारी जुटा रही है।