Noida News : नोएडा के सेक्टर-75 में रहने रहने वाले एक प्राइवेट बैंक से सेवानिवृत्त फंक्शनल डायरेक्टर और उनकी पत्नी को मनी लॉन्ड्रिंग के केस में खोए पुराने नंबर की डिटेल के आधार पर 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर साइबर अपराधियों ने उनसे 3.14 करोड रुपये ठग लिया।
ठगों ने मुंबई के कोलाबा थाने के साथ सीबीआई अधिकारी बनकर बुजुर्ग दंपती को गिरफ्तार करने की धमकी दी थी। घटना के दौरान उन्हें कोर्ट में पेशकर सिक्रेट सुपर विजन अकाउंट में रुपये डालने के लिए कहा। बुजुर्ग ने बृहस्पतिवार को साइबर थाने में शिकायत देकर मुकदमा कराया है। साइबर क्राइम के पुलिस उपायुक्त श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में बुजुर्ग व्यक्ति बिरज कुमार सरकार ने बताया कि 25 फरवरी को ट्राई के नाम पर एक व्यक्ति ने उनको फोन किया तथा उनके पुराने नंबर के बारे में जानकारी मांगी। एक बार मना करने पर उन्हें बाद में अपना खोया पुराना नंबर याद आ गया। कॉलर को बताने पर उसने कहा कि इस नंबर का लिंक नरेश गोयल मनी लॉन्ड्रिंग केस में आया है। आपके खिलाफ कोलाबा थाना मुंबई में मुकदमा दर्ज है।
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साइबर अपराधियो ने उन्हें थाने से कनेक्ट कराकर एक व्यक्ति से बात कराई। उसने खुद को पुलिसकर्मी बताकर थाने बुलाया। बुजुर्ग के मना करने पर आनलाइन केस की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। उनके अनुसार शातिरों ने 26 फरवरी को ऑनलाइन कार्रवाई शुरू की। इस दौरान उनके साथ पत्नी को भी डिजिटल अरेस्ट कर लिया। दंपती से इस मामले की जानकारी किसी को भी देने से मना कर दिया। आरोप है कि विडियो कॉल में एक व्यक्ति ने आइपीएस अधिकारी बनकर बात की। फिर दूसरे ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया। दंपती को डराया गया कि उनका केस बहुत बढ़ा है, मामले को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसलिए उन्हें ऑनलाइन पेश किया। शातिरों ने कोर्ट की तरह दिखने वाले कमरे में बैठकर उन्हें बताया कि उनके सभी बैंक और एफडी अकाउंट फ्रीज हो गए हैं।
उन्हें खुद डिजिटल अरेस्ट होने का पता चला
साइबर अपराधियों ने दंपत्ति से कहा कि उनकी पूरी कमाई सिक्रेट सुपर विजन अकाउंट में जमा करनी होंगी। यदि दंपती ने ऐसा नहीं किया तो दोनोें को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इतना ही नहीं, शातिरों ने बाद में बताया कि सत्यापन में आपके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। काफी देर बाद उन्हें खुद के साथ डिजिटल अरेस्ट होने का पता चला।
डीसीपी ने बताया कि बुजुर्ग की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है, जिस खाते में पैसा ट्रांसफर कराया है। टीम को उसकी डिटेल निकालने में लगाया है।