Noida News : अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले कॉल सेंटर के सरगना समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

Jun 30, 2024 - 22:45
Jul 1, 2024 - 12:44
Noida News : अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाले कॉल सेंटर के सरगना समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

- सरगना की निशानदेही पर 45 लाख रुपये की नकदी और लैपटॉप बरामद

- शनिवार को कॉल सेंटर का पर्दाफाश कर की थी 73 आरोपियों की गिरफ्तारी 

Noida News : भारत मे बैठकर अमेरिकी नागरिकों के साथ करोड़ों की ठगी करने वाले कॉल सेंटर का शनिवार को पर्दाफाश करने के बाद सेक्टर-142 थाने की पुलिस ने रविवार को सरगना समेत 6 अन्य फरार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सरगना के पास से ठगी की 45 लाख रुपये की नकदी और एक लैपटॉप बरामद हुआ है। बरामद लैपटॉप और मोबाइल को पुलिस जांच के लिए भेजेगी। अनुमान के मुताबिक आरोपियों ने अबतक एक हजार से अधिक अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी की है। शनिवार को नोएडा के सेक्टर-90 स्थित भूटानी अल्फाथम में संचालित कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने 33 महिलाओं समेत कुल 73 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। 

अपर पुलिस उपायुक्त हृदेश कठेरिया ने बताया शनिवार को सरगना समेत अन्य आरोपियों के बारे में पुलिस को अहम जानकारी मिली थी। इसी क्रम में रविवार को गिरोह के सरगना गाजियाबाद के सिहानी गेट निवासी 36 वर्षीय भूपेंद्र सिंह पुंडीर और उन्नाव के बिहार के सौरभ सिंह को दबोचा गया। दोनों के चार अन्य साथी भंगेल निवासी शुभम उपाध्याय, गुजरात के गांधीनगर निवासी पटेल वंदन, सलारपुर निवासी अंकित ठाकुर और अहमदाबाद निवासी रोहन दिलीप को भी गिरफ्तार किया गया। सभी छह आरोपियों ने कई अन्य आरोपियों के बारे में जानकारी दी है। गिरफ्त में आए सरगना समेत अन्य आरोपियों का आपराधिक इतिहास पता किया जा रहा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ठगी का सबसे पहला बेस स्क्रिप्ट है। इसी स्क्रिप्ट को पढ़कर युवक और युवतियां यूएसए के नागरिकों को एसएसएन (सोशलन सिक्योरिटी नंबर) के गलत इस्तेमाल का डर दिखाते हैं। ये स्क्रिप्ट वहीं लड़कियां और लड़के पढ़ते हैं जिनकी आवाज और बातचीत करने का तरीका अमेरिकी स्टैंडर्ट का है। आरोपियों का इसके लिए प्रशिक्षण होता है। 

ऐसे पढ़ी जाती थी स्क्रिप्ट:

मैं अमेरिका के सोशल सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेटिव से बात कर रही/रहा हूं। मैं आपकी कैसे मदद कर सकती हूं। क्या आप अपने जिपकोड के साथ अपना पहला नाम और अपना अंतिम नाम बताने में मेरी मदद कर सकते हैं, ताकि मैं आपकी केस फाइल निकाल सकूं। सामाजिक सुरक्षा के लिए हमें आपके सोशल अकाउंट को निलंबित करने का आदेश मिला है, क्योंकि हमें आपके सोशल अकाउंट पर कई संदिग्ध गतिविधियां मिली हैं। ठीक है, इससे पहले कि मैं आगे बढूं और आपको मामले के बारे में और विवरण दूं। मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि क्या मैं सही व्यक्ति से बात कर रही हूं या रहा हूं, इसलिए आपसे आपके एसएसएन के लास्ट चार अंक की पुष्टि करने का अनुरोध करती हूं। एक बार वैरीफिकेशन होने पर उनको फर्जी केस के बारे में बताया जाता था। जिसके बाद एफबीआई का डर दिखाया जाता था। एक बार विदेशी नागरिक झांसे में आया, तो उसके बैंक अकाउंट से लाखों डॉलर आरोपी निकाल लेते थे।

डार्क वेबसाइट से लेते हैं डाटा:

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डार्क वेबसाइट से अमेरिकी नागरिकों का डेटा आरोपियों द्वारा लिया जाता है। यूएस में नागरिकों को एक यूनिक सोशल सिक्योरिटी नंबर दिया जाता है। आरोपी इन नंबरों पर कॉलर सिक्योरिटी एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ऑफ यूएस के नाम पर एक वाइस मैसेज भेजते थे। एसएसएन पर जैसे ही अमेरिकी नागरिक इस वाइस मैसेज को खोलता, उसे बताया जाता कि आपका एसएसएन नंबर का गलत इस्तेमाल हो रहा है। आपका अकाउंट ब्लॉक किया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए वन प्रेस करें। वन टाइप होते ही उनकी कॉल विसीडॉयल पर लैंड हो जाती थी। फिर ये एक्सलाइट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके अमेरिकी नागरिक को एक लंबी चौड़ी स्क्रिप्ट यहां से कॉलर (जालसाज) की ओर से बोली जाती थी। यहीं स्क्रिप्ट ही अमेरिकी नागरिकों को डरा देती थी। आखिर में यूएस मार्शल बनकर अमेरिकी नागरिक से आरोपी बात करते। बोला जाता कि आपका बैंक अकाउंट सीज किया जा रहा है।

दो तरीके से ट्रांसफर होती थी रकम:

एक बार एकाउंट सीज होने का डर मन में बैठा देने के बाद आरोपी बताते थे कि अगर आपको पैसा बचाना है तो आप एकाउंट की रकम को क्रिप्टो करेंसी या गिफ्ट कार्ड में कन्वर्ट कर सकते हैं। अमेरिकी नागरिक क्रिप्टो करेंसी को खरीदना चाहता, तो एक बार कोड दे दिया जाता। जिसे स्कैन करते ही पैसा जालसाज के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता। अगर वो गिफ्ट कार्ड का ऑप्शन लेता है, उसे एक नंबर दिया जाता। गिफ्ट कार्ड नंबर मिलने पर यूजर वेबसाइट पर जाकर कार्ड कोड जैसे ही डालता, उसका पैसा जालसाज अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेते। इसी प्रकार के कॉल सेंटर का पर्दाफाश कुछ समय पहले फेज वन थाने की पुलिस ने भी किया था। 

शहर में संचालित हो रहे सौ से अधिक कॉल सेंटर:

अनुमान के मुताबिक अभी भी जिले में 100 से अधिक फर्जी कॉल सेंटर संचालित हो रहे है। इनका मुख्य गढ़ ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सेक्टर 63, 58 और फेस- एक थाना क्षेत्र है। जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है कि अरब देश में सख्त कानून के चलते फर्जी कॉल सेंटर संचालक वहां के लोगों को निशाना नहीं बनाते है। योजना के तहत अमेरिका के लोगों को निशाना बनाया जाता है। क्योंकि भारत से दूरी अधिक होने व सख्त कानून न होने के चलते वहां का नागरिक मुकदमे बाजी के चक्कर में भारत नहीं आना चाहता है।

एक साल में 20 कॉल सेंटर का पर्दाफाश:

कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर पुलिस ने एक साल में संगठित अपराध के खिलाफ अभियान चलाकर 20 कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में कुल 188 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। पुलिस विभाग ने 1 अप्रैल 2023 से 15 मई 2024 तक के आंकड़े जारी किए हैं। इस दौरान फर्जी कॉल सेंटर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए धोखाधड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की गई है। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में उन कॉल सेंटर्स की भी जानकारी दी है, जहां पर कार्रवाई की गई है। इस दौरान फर्जी कॉल सेंटर पर शिकंजा कसने के लिए एक विशेष टीम बनाई गई थी। टीम ने अलग-अलग जगहों पर संचालित होने वाले कॉल सेंटर पर निगरानी रखी और फर्जी तरीके से संचालित होने वाले कॉल सेंटरों पर शिकंजा कसा।