Noida News : राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में बृहस्पतिवार को भी एनसीआर मे प्रदूषण का स्तर खतरनाक पर रहा। दिल्ली में आज सुबह को वायु गुणवत्ता सूचकांक 451 पर पहुंच गया है जो की काफी भयावह स्थिति है। इसके अलावा एनसीआर के प्रमुख शहरों में भी वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है।
कई दिनों तक वायु प्रदूषण कम होने के नहीं है आसार, हवा की धीमी गति और कोहरा बना कारण
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वायु प्रदूषण मापक एप समीर के अनुसार बृहस्पतिवार सुबह को दिल्ली की एक्यूआई 451, गाजियाबाद की 400, नोएडा की 380 ,ग्रेटर नोएडा की 356, गुरुग्राम की 398, भिवानी की 310 तथा बुलंदशहर की 321 दर्ज की गई। यह स्थिति काफी भयावह है। एनसीआर के प्रमुख शहर डार्क रेड जोन और रेड जोन में पहुंच गए हैं।
एनसीआर में ग्रैप-4 लगा है। इसके बावजूद भी वायु प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। वायु प्रदूषण के चलते लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दमा और टीवी के मरीजों की हालत काफी खराब है। लोगों के आंखों में वायु प्रदूषण की वजह से जलन हो रही है। वायु प्रदूषण के चलते वायुमंडल में छाई धुंध और घने कोहरे के चलते आज सुबह दृश्यता काफी कम रही। 40 से 50 मीटर दृश्यता नहीं थी। जिसके चलते वाहनों की रफ्तार काफी धीमी हो गई। बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते काफी लोगों की तबीयत खराब हो रही है। यहां के विभिन्न अस्पतालों में मरीज भर्ती हो रहे हैं। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ने बताया कि सांस की मरीजों की संख्या बढ़ गई। उन्होंने बताया कि ज्यादातर मरीज खांसी, गले में खराश वह जुकाम की समस्या को लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर वायु प्रदूषण कम नहीं हुआ तो मरीजों की संख्या और बढ़ सकती है। इसी तरह से यहां के विभिन्न निजी अस्पतालों और जिला अस्पताल में भी सांस और खांसी के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक अगले दो दिनों तक हवा की औसत रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से कम रहने के असर है। इसके चलते प्रदूषण कणों का बिखराव भी धीमा रहेगा। सुबह के समय कोहरे और दिन के समय प्रदूषण की धुंध छाई रहने का आसार है। इन कारकों की वजह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर अभी गंभीर श्रेणी में ही रहने के आसार हैं
मौसम विशेषज्ञों की माने तो वातावरण में नमी के साथ कोहरा देखने को मिल रहा है। दिन के समय कोहरा तो कम हो जाता है, लेकिन धुंध की परत आसमान पर छाई रहती है। धुंध छाने के साथ हवा की रफ्तार भी बेहद धीमी हो गई है। इसके चलते वायुमंडल ज्यादा प्रदूषित हो गया है।