Noida News : साइबर पुलिस की पाठशाला, चार वर्षीय बेटे की एक गलती से मम्मी-पापा का  खाता हो गया खाली

Feb 15, 2025 - 09:22
Noida News : साइबर पुलिस की पाठशाला, चार वर्षीय बेटे की एक गलती से मम्मी-पापा का  खाता हो गया खाली
Cyber Crime Police Station Noida
Noida News : गौतम बुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस साइबर ठगी से लोगों को बचाने के लिए साइबर ठगी की घटनाओं को कहानियों के जरिये लोगों तक पहुंचा रही, ताकि उन्हें ठगी का शिकार होने से बचाया जा सके। पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम श्रीमती प्रीति यादव ने बताया कि एपीके फाइल डाउनलोड कराकर ठगों द्वारा की गई 30 लाख रुपये की वास्तविक ठगी को साइबर अपराध की कहानी के दूसरे अंक में बताया गया। ठगी के बचने के उपायों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी गई। 
Noida News :
ठगी की कहानी कुछ यूं है। 50 वर्षीय मुकेश (काल्पनिक नाम) शहर के एक हिस्से में परिवार के साथ सुखी जीवन जी रहे थे। एक दिन वह अपनी पत्नी से वादा करता है कि वह उसके लिए एक नया घर खरीदेगा, जिसमें वह और उसका परिवार आराम से रहेगा। वह शहर में अपने किराये के घर से नजदीक एक बैंक जाता है और अपनी पत्नी व अपना जॉइन्ट खाता खुलवाता है। मुकेश बैंक के कर्मचारियों से बात कर होम लोन लेने के लिए प्रयास करता है। बहुत प्रयास करने के बाद उसको होम लोन मिल जाता है और होम लोन का पैसा जॉइन्ट खाते में आता है। एक दिन मुकेश का फोन उसके चार वर्षीय बच्चे विराज (काल्पनिक नाम) के पास था। गेम खेलते-खेलते कब बच्चा टेलीग्राम आईडी ओपन करके उनके साथ जुड गया ये किसी को पता नहीं चला। विराज ने फोन में एपीके फाइल डाउनलोड भी कर ली, जिससे मोबाइल का पूरा एक्सेस साइबर फ्रॉड करने वाले के पास चला गया और मुकेश के बैंक खाते से अपने आप रुपये ट्रांसफर होने लगे। अलग अलग तिथियों में कुल 64 बार में कुल 30 लाख रुपये मुकेश के फोन से निकाल लिए गए। जब तक उसे पता लगता है कि उसके साथ कोई धोखाधड़ी हुई है तबतक उसका पूरा खाता खाली हो चुका होता है। इस तरह से मुकेश को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। बैंक से प्राप्त लोन का पैसा भी चला गया और अब बैंक की ईएमआई भी भरनी पड़ रही है और जीवन के सपने भी अधूरे रह गए। 
कभी भी अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें। यह लिंक आपके फोन या कंप्यूटर में मालवेयर या वायरस को प्रवेश करने का मौका दे सकते हैं। अनजान ग्रुप से जुड़ने से पहले उनकी प्रामाणिकता की जानकारी जरूर लें। बच्चों को मोबाइल देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि वे केवल सुरक्षित और निर्धारित ऐप का ही उपयोग करें। उनका उपयोग निरंतर निगरानी में होना चाहिए। अपने इंटरनेट बैंकिंग के पासवर्ड को गूगल पर या मोबाइल में सेव न करें, क्योंकि यह आपके खाते को सुरक्षित नहीं रखता है। बच्चों को मोबाइल का उपयोग केवल माता-पिता की निगरानी में ही करने दें। यह सुनिश्चित करता है कि वे साइबर अपराध से बच सकें और सुरक्षित तरीके से मोबाइल का उपयोग करें।
साइबर अपराध से बचाव के लिए सतर्कता और सावधानी सबसे महत्वपूर्ण कदम हैं। यदि कोई साइबर अपराध का शिकार हो जाता है, तो cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं और तुरंत उचित कदम उठाएं।साइबर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी के लिए सतर्क रहें और अपने परिवार को भी सुरक्षा के उपायों के बारे में बताएं।