Noida News : तकनीकी सहायता देने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गैंग के 15 लोग गिरफ्तार

Oct 3, 2024 - 10:23
Noida News : तकनीकी सहायता देने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ठगी करने वाले गैंग के 15 लोग गिरफ्तार
Noida News :  थाना सेक्टर 39 पुलिस ने एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश किया है जो तकनीकी सहायता के नाम पर अमेरिकी नागरिकों के कंप्यूटर, लैपटॉप को रिमोट पर लेकर ठगी करता था। थाना सेक्टर-39 पुलिस ने बुधवार को सेक्टर-100 स्थित फर्जी कॉल सेंटर से 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ये ठग एप्पल प्रॉडक्ट के ऑर्डर कैंसिल होने पर रिफंड प्रोसेस करने के लिए तकनीकी सहायता के लिए फर्जी हेल्पलाइन नंबर देकर ठगी कर रहे थे। पुलिस की टीम इस गिरोह के सरगना और अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
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सहायक पुलिस आयुक्त प्रवीण सिंह ने बताया कि थाना सेक्टर-39 पुलिस की टीम ने बुधवार को एक सूचना के आधार पर सेक्टर-100 में स्थित मकान संख्या सी-234 में दबिश देकर फर्जी कॉल सेंटर को पकड़ा। यहां से वीओआईपी कॉलिंग का सर्वर लगाकर विदेशी नागरिकों के लैपटॉप, कंप्यूटर पर लिंक, वायरस डाला जाता था। इसके बाद टेक्रिकल सपोर्ट के नाम पर उनसे संपर्क कर उनके कंप्यूटर व लैपटॉप को रिमोट पर ले लिया जाता था। रिमोट पर लाने के बाद विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन अकाउंट से ठग रकम ट्रांसफर कर लेते थे। 
उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के नाम जनपद देवरिया निवासी विनीत सिंह, बरेली निवासी पीयूष कुमार मौर्य, फरीदाबाद निवासी अमित कुमार, मणिपुर निवासी वाडेपन, जलपाईगुड़ी निवासी संजू ग्वाला, पश्चिम बंगाल निवासी प्रगति दास, प्रयागराज निवासी राघव देवरा, बिहार निवासी रोहित कुमार, चंडीगढ़ निवासी हिमांशु कुमार, सराय काले खां निवासी इब्राहम अहमद, यमुना पार दिल्ली निवासी सिद्धार्थ डिगरा, लक्ष्मी नगर निवासी कुशाल, पश्चिम बंगाल निवासी रितेश मिश्रा, रितिक राय व सिलिगुड़ी निवासी विशाल प्रसाद  है।
सहायक पुलिस आयुक्त ने बताया कि ये आरोपी कई महीने से अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि ये लोग विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी करने के लिए कॉलिंग करने का काम करते हैं। विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर पर फर्जी लिंक व एक बार में कई ईमेल भेजते थे। उन्हें बताया जाता था कि एमेजॉन व पे-पाल कंपनी की तरफ से एप्पल प्रॉडक्ट के ऑर्डर कैंसिल होने पर रिफंड प्रोसेस करने के लिए तकनीकी सपोर्ट कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों का एक संगठित गिरोह है, जो फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अलग-अलग फर्जी कंपनी कागजों में बनाते हैं। इन फर्जी कंपनियों की आड़ में इन आरोपियों ने सेक्टर-100 में फर्जी कॉल सेंटर खोल रखा था। यहां से विदेशी नागरिकों खासकर अमेरिकी से संपर्क किया जाता था और उनके कंप्यूटर व लैपटॉप पर लिंक डालकर टेक्रिकल सपोर्ट का झांसा दिया जाता था। टेक्रिकल सपोर्ट के नाम पर ये लोग अलग अलग सॉफ्टवेयर के माध्यम से उनके लैपटॉप कंप्यूटर को हैक कर लेते थे और विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन खाते या क्रेडिट कार्ड का डिटेल लेकर पैसे का ट्रांजैक्शन किराए पर लिए गए विदेशी अकाउंट में कर लेते थे।
एसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि तकनीकी सहायता के नाम पर विदेशी नागरिकों से आरोपी डॉलर, गिफ्ट कूपन और क्रिप्टो करेंसी मंगवाते थे। इनके पास हवाला के माध्यम से भारतीय मुद्रा में कैश आता है। दरअसल इन आरोपियों ने कई विदेशी अकाउंट किराए पर ले रखा है। इन किराए के अकाउंट में डॉलर में पैसे ट्रांजैक्शन किए जाते हैं। फिर किराए के अकाउंट वाले अपना कमीशन काटकर भारत में हवाला के माध्यम से ऑनलाइन भेजते हैं। पुलिस की टीम पूरे नेटवर्क के बारे में पता लगा रही है।
उन्होंने बताया कि वीओआईपी का मतलब वॉयर ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल होता है। यह व्हाट्ïस एप कॉलिंग जैसे काम करता है यानि इसकी रिकॉर्डिंग आदि नहींं होती है। यह इंटरनेट कॉलिंग है। इसमें कहां से किसे फोन किया जा रहा है। पता नहीं लगता है। ये जालसाज विदेशी नागरिकों से ठगी करने में वीओआईपी कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे। एसीपी  ने बताया कि ठग डार्क वेब के जरिए विदेशी नागरिकों का डाटा लेते थे। इसके बाद विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर पर फर्जी लिंक व ईमेल भेजते थे। तकनीकी सहायता के नाम पर एक फर्जी हेल्प लाइन नंबर भी देते थे। जब कई बार मेल व लिंक विदेशी नागरिकों को बार-बार सिस्टम पर दिखाई देता था। इससे परेशान होकर हेल्पलाइन पर कॉल करते थे और जाल में फंस जाते थे। ये जालसाज पीडि़तों के बैंक बैलेंस देखकर ठगी की वारदात करते थे। उसी आधार पर चार्ज लिया जाता था। जितने भी आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है ज्यादातर यहां बतौर कर्मचारी काम कर रहे थे। हालांकि सभी को ठगी की पूरी जानकारी थी। कमीशन भी सभी लेते थे। नौकरी पर रखने के पहले अंग्रेजी बोलने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
उन्होंने बताया कि उनके पास से पुलिस ने 18 लैपटॉप, 4 इंटरनेट राउटर, 3 चार पहिया वाहन, 2 दो पहिया वाहन, 14 हेडफोन, 18 लैपटॉप चार्जर/एडेप्टर, 24 मोबाइल फोन, 98 हजार रुपये नकद बरामद किया है।