Noida News : अवैध रूप से चल रहे अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

Jan 13, 2025 - 10:33
Noida News : अवैध रूप से चल रहे अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
अवैध रूप से चल रहे अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार
Noida News : थाना सेक्टर 63 क्षेत्र के सेक्टर-63 में अवैध रूप से संचालित किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज का भंडाफोड़ करते हुए पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है। थाना सेक्टर-63 पुलिस ने यह कार्रवाई रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के सहायक इंजीनियर रमेश कुमार यादव से मिले इनपुट के आधार पर की है। ये लोग राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालकर इंटरनेट के जरिये आने वाली विदेशी कॉल को लोकल कॉल में परिवर्तित करके देश में बैठे लोगों से बातचीत करवाते थे। ऐसा करके भारत सरकार और निजी दूरसंचार कंपनियों को करोड़ों का चूना लगा रहे थे।
Noida News :
इसके संबंध में शनिवार को दूरसंचार विभाग दिल्ली और रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के अधिकारियों ने पुलिस को सूचना दी। जिसके आधार पर पुलिस टीम ने सेक्टर-63 के जी-39 में छापेमारी की। मौके से पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी पहचान हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर निवासी शिवम कुमार और गाजियाबाद निवासी देवकी नंदन के रूप में हुई। शिवम 12वीं पास है और देवकी नंदन ने स्नातक तक पढ़ाई की है। दोनों ने मैसर्स किस्वा वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई थी। कंपनी में शिवम प्रबंधक और देवकी निदेशक के पद पर है। पुलिस को मौके से तीन कंप्यूटर, एक डायलर, पांच राउटर, एक टीपी लिंक वाईफाई पोर्ट, एक मीडिया कनवेक्टर, एक मुहर, तीन नोटपैड और दस्तावेज आदि बरामद हुए हैं। इस्तेमाल किए जा रहे 1350 टेलीफोन नंबर मिले हैं। इसके अलावा दो कंपनी के 600-600 नंबर भी मिले। हालांकि 1200 नंबरों का अभी इस्तेमाल नहीं किया गया था। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके पास टेलीफोन एक्सचेंज चलाने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) से वैध लाइसेंस प्राप्त नहीं है। अवैध एक्सचेंज के जरिये आरोपी टेलीग्राफ और दूरसंचार से छेड़छाड़ करके दुबई, सऊदी, ऑस्ट्रेलिया आदि देश से अधिक संख्या में देश में लेकर लोगों की बातचीत कराई जा रही थी। इससे कंपनियों को 10 रुपये तक और सरकार को सात पैसे प्रति कॉल का नुकसान हो रहा था। अधिकतर इन कॉल का प्रयोग सस्ती होने के साथ आपराधिक गतिविधियों के संचालन में किया जाता है। इन कॉल का कोई रिकॉर्ड न होने के कारण कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा वापस खोजना व ट्रैक करना भी मुश्किल है। यह देश की सुरक्षा एजेंसियों के लिए चुनौती है। 
दूर संचार विभाग के अधिकारी ने बताया कि उनकी डिजिटल इंजेलिजेंस यूनिट को एक सप्ताह पहले इनपुट मिला था। जांच-पड़ताल करने के बाद छापेमारी की गई। जांच में पता चला कि अवैध रूप से संचालित अंतरराष्ट्रीय टेलीफोन एक्सचेंज से पिछले दो सप्ताह के भीतर 70 से 75 लाख अंतरराष्ट्रीय कॉल मिली हैं। प्रतिमाह अनुमानित दो करोड़ से अधिक कॉल होती है।
दूर संचार विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आरोपियों ने पुलिस को बताया कि अवैध टेलीफोन एक्सचेंज खोलने के लिए उन्हें अरशद नामक व्यक्ति ने बताया था। उसी ने विदेश से सिस्टम मंगवाकर स्थापित कराया था। टीम के मुताबिक इसके जरिये जासूसी, तस्करी, हवाला, स्मगलिंग, धमकी देना, रंगदारी मांगने के लिए आपराधिक प्रवृत्ति के लोग करते हैं। इससे उनकी असली पहचान छिपी रहती है। शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला है कि ये लोग खाड़ी देशों समेत अन्य देशों से आने वाली कॉल को डायलर के माध्यम से सर्वर में कनेक्ट कर इंटरनेट से नियंत्रित करते थे। उसके बाद इंटरनेट के जरिये आने वाली अंतरराष्ट्रीय कॉलिंग को भारत में डायलर के माध्यम से परिवर्तित करवाते थे। अधिकारियों के अनुसार एक टेलीफोन एक्सचेंज स्थापित करने के लिए सरकार से ढाई से तीन करोड़ रुपये में लाइसेंस प्राप्त करना होता है। इस तरह से आरोपियों ने सरकार और टेलीकॉम कंपनियों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है।
आरोपी शिवम ने पुलिस को बताया कि वह वर्ष 2014 में दिल्ली के कनाट पैलेस स्थित इंटरनेशनल शिपिंग कॉरपोरेशन कंपनी में फील्ड का काम करता था। कंपनी का अरशद नामक एक ग्राहक था। उसी दौरान अरशद से मुलाकात हुई। वर्ष 2016 में हुई नोटबंदी और जीएसटी के समय कंपनी बंद हो गई। सितंबर 2024 में अरशद ने शिवम से संपर्क किया। अरशद ने नोएडा में एक कंपनी स्थापित करने के लिए कहा। इसी बीच शिवम की मुलाकात देवकीनंदन से हुई। देवकी ने कहा कि उसके पास कंपनी है। इस पर अरशद ने कहा कि वह आयात-निर्यात का कारोबार काम करेंगे। शिवम और देवकी नंदन ने मिलकर जियो कंपनी में चैनल पार्टनर के रूप में वरुण नामक रूप में मुलाकात हुई। वरुण और अरशद की मुलाकात साहिबाबाद में कराई थी। इसके बाद अरशद ने रुपये और पूरा सिस्टम दिलाया। पहले माह अरशद ने शिवम को 20 हजार रुपये और देवकीनंदन को 60 हजार रुपये दिए। इसके बाद कहा कि आय के अनुसार 25 प्रतिशत की हिस्सेदारी दी जाएगी। अरशद ही पूरे काम को संचालित करता था। इसके बाद तीनों आपस में साझेदार बन गए थे। दोनों आरोपियों ने बताया कि जो अंतरराष्ट्रीय कॉल आती थीं, वह डायलर के माध्यम से काफी सस्ती हो जाती थी। इस काम से जो भी पैसा प्राप्त होता था उसे तीनों लोग आपस में बांट लेते थे। आरोपी शिवम के खिलाफ वर्ष 2022 में थाना बीटा-दो में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है।