Noida News : ऑनलाइन गेमिंग में कर्जदार हुए युवक चुराने लगे मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण

Jan 19, 2025 - 15:22
Noida News : ऑनलाइन गेमिंग में कर्जदार हुए युवक चुराने लगे मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण

Noida News : ऑनलाइन गेमिंग ऐप से रुपये कमाने के चक्कर में कर्जदार हुए चार युवकों ने मोबाइल टावर से कीमती उपकरण चोरी करने वाला गिरोह ही बना लिया। सेक्टर-24 पुलिस ने शनिवार को गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से मोबाइल टावर से चोरी किया गया आरआरयू भी बरामद हुआ है। पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों का आपराधिक इतिहास पता कर रही है। 

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि मोबाइल टावरों से कीमती उपकरण चोरी होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। उपकरण चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए विशेष टीमें बनाई गई थीं। इसी क्रम में शनिवार को सेक्टर-24 थाने की पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों की पहचान कन्नौज निवासी सुरजीत सिंह, जौनपुर निवासी सन्नी सिंह, एटा निवासी जितेंद्र सिंह और प्रदीप चौहान के रूप में हुई है।

सुरजीत वर्तमान में सलारपुर में जबकि अन्य तीनों चौड़ा गांव में किराये का कमरा लेकर रह रहे हैं। सभी आरोपियों की उम्र 19 से 22 साल के बीच है। सुरजीत गिरोह का सरगना है। वह मोबाइल टावर से उपकरण चुराने के साथ ही कार चालक भी है। सुरजीत अनपढ़ है जबकि अन्य आरोपी इंटरमीडिएट तक पढ़ाई किए हुए हैं। कुछ दिन पहले ही चारों ने रेकी करने के बाद सेक्टर-22 के बारात घर के पास लगे मोबाइल टावर से कीमती उपकरण आरआरयू चुराया था।

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि चारों दोस्त हैं और एक साथ एक गेमिंग ऐप पर विभिन्न प्रकार के गेम में रुपये लगाते हैं। गेम जुए से संबंधित होता है। इन गेम से कमाई के चक्कर में सभी आरोपियों पर दस से 20 हजार रुपये तक का कर्ज हो गया था और वह कुछ जीत भी नहीं पाए थे। आरोपियों ने कुछ लोगों से उधार पैसा लिया और गेम में लगा दिया, लेकिन यहां मुनाफे की जगह आरोपियों को रकम भी गंवानी पड़ी। कर्ज देने वाले लोग जब पैसा वापस करने का दबाव बनाने लगे तो सुरजीत के मन में मोबाइल टावर से कीमती उपकरण चोरी करने का ख्याल आया।

उसने अपने तीन अन्य साथियों को राजी किया और मोबाइल टावरों से आरआरयू चोरी करने लगे। चोरी के उपकरण को जब चारों बेचने के लिए जा रहे थे तभी मुखबिर से मिली सूचना पर उन्हें धर दबोचा गया। टावर के उपकरण चुराने का तरीका आरोपियों ने इंटरनेट से सीखा था। पुलिस चारों बदमाशों का आपराधिक इतिहास पता करने में जुट गई है। उनके परिजनों को भी आरोपियों द्वारा किए जा रहे कृत्य की जानकारी दे दी गई है। 

                        आती है नेटवर्क संबंधी समस्या:-


जानकारों के मुताबिक रिमोट रेडियो यूनिट (आरआरयू) किसी भी टावर का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण होता है। इसका काम सिग्नल को ट्रांसमिशन करने का होता है। बगैर इसके आसपास के क्षेत्र में नेटवर्क की समस्या होती है। आरआरयू की बाजार में कीमत दो से साढ़े तीन लाख रुपये तक होती है। ऐसे में इस समय जिले में मोबाइल टावर से उपकरण चुराने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। जिले के सभी हिस्से में वारदात हो रही है। मोबाइल से उपकरण चोरी होने में कई बार वहां तैनात सिक्योरिटी गार्ड की भूमिका भी होती है। जिस गिरोह का पर्दाफाश हुआ है उसका सरगना सुरजीत अपने साथियों से उपकरण चोरी कराता था और उसे कार से घर पर ले आता था। 

                    नेपाल जाता है चोरी का उपकरण:-


गिरोह पर काम करने वाले एक पुलिस अधिकारी ने बताया चोरी के उपकरणों को दिल्ली के अलग-अलग बाजारों में बेचा जाता है। यहां से उपकरण नेपाल के रास्ते चीन पहुंचने का भी इनपुट मिला है। चोरी का उपकरण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा हो सकता है। इस पहलू से भी पुलिस मामले की जांच कर रही है। कई बार गिरोह के आरोपी खुद को कंपनी का कर्मचारी बताकर टावर वाले स्थान पर जाते थे तो बातचीत के दौरान ही पता कर लेते थे कि टावर की सुरक्षा के लिए कोई सिक्योरिटी गार्ड तैनात है या नहीं। सिक्योरिटी गार्डों की तैनाती के बिना चल रहे मोबाइल टावर इनके निशाने पर होते थे। पुलिस ने बताया कि कंपनी का कर्मचारी बनकर जाने पर कोई इन पर शक भी नहीं करता था। ऐसे में वे चोरी कर आसानी से फरार हो जाते थे।