Noida News : नोएडा-ग्रेनो के आवासीय, काॅमर्शियल, संस्थागत समेत सभी भवनों में लिफ्ट का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। इस संबंध में मंगलवार को जिलास्तरीय समिति ने लिफ्ट अधिनियम की पहली बैैठक में आदेश जारी कर दिया। 25 मार्च, 2025 तक भवन मालिक को लिफ्ट का पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण नहीं कराने पर जुर्माना लगेगा। वहीं, लिफ्ट निर्माता कंपनी को भी अपना पंजीकरण कराना होगा।
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प्रदेश सरकार ने 25 सितंबर को लिफ्ट एवं एस्केलेटर अधिनियम लागू कर दिया था। अधिनियम लागू होने के बाद जिलाधिकारी ने जिलास्तरीय समिति का गठन किया। मंगलवार को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में समिति की पहली बैठक हुई। इसमें एडीएम वित्त एवं राजस्व, उपनिदेशक विद्युत, डिप्टी रजिस्ट्रार चिट एंड फंड, पीडब्ल्यूडी के एई और नोएडा व ग्रेनो प्राधिकरण के सीईओ की तरफ से नामित अधिकारियों ने भाग लिया। एडीएम वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि सभी लिफ्ट का पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इसकी जिम्मेदारी मालिक की होगी। सभी को पंजीकरण कराने की कार्रवाई तत्काल करनी होगी।
पंजीकरण का आवेदन कलेक्ट्रेट स्थिति एडीएम वित्त एवं राजस्व कार्यालय में करना होगा। अगर पंजीकरण नहीं कराया गया तो लिफ्ट मालिक को नोटिस जारी कर जुर्माना वसूला जाएगा। जुर्माना 100 रुपये से 10000 रुपये तक होगा। तय समय के बाद 30 दिन का समय दिया जाएगा। इसके बाद लिफ्ट का संचालन बंद कराया जाएगा। जुर्माना जमा करने व पंजीकरण कराने के बाद ही लिफ्ट को शुरू किया जाएगा।
समिति ने लिफ्ट हादसों को लेकर भी जरूरी आदेश जारी किए हैं। अब अगर किसी सोसाइटी या अन्य भवन में लिफ्ट हादसा होता है तो पीड़ित या स्थानीय निवासी को एडीएम वित्त एवं राजस्व के कार्यालय में शिकायत करनी होगी। उपनिदेशक विद्युत व एसडीएम की टीम शिकायत की जांच करेगी। जांच के बाद रिपोर्ट समिति को सौंपी जाएगी। जिस पर समिति जिम्मेदारी तय कर संबंधित को नोटिस जारी करेगी। अगर नोटिस के बाद भी मालिक या कंपनी लिफ्ट की खामियाें को दूर नहीं करते है तो एफआईआर होगी।
लिफ्ट एक्ट में पीड़ितों को आर्थिक मदद देने की भी व्यवस्था हैं। अगर लिफ्ट हादसे में किसी की मौत होती है या फिर कोई घायल होता है तो जिलास्तरीय समिति आर्थिक मदद देगी, जो समिति तय करेगी। इसके लिए पीड़ितों को समिति के समक्ष आवेदन करना होगा। अफसरों ने बताया कि लिफ्ट में स्वचालित बचावयुक्त प्रणाली लगानी होगी, ताकि बिजली जाने या खराबी पर लिफ्ट नजदीक के फ्लोर पर जाकर खुल जाए। रोशनी व आपातकालीन अलार्म की व्यवस्था भी सुनिश्चित करनी होगी।
अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अतुल कुमार ने बताया कि जिले में लिफ्ट एक्ट लागू है। सभी भवनों में लिफ्ट का पंजीकरण जरूरी है। पंजीकरण नहीं कराने पर जुर्माना लगाने के साथ एफआईआर दर्ज होगी। अगर कहीं पर हादसा होता है तो इसकी शिकायत पर जांच कर लिफ्ट मालिक व अन्य जिम्मेदार पर कार्रवाई होगी। हर 15 दिन इसकी समीक्षा भी होगी।