Greater Noida News : निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को अधिकारियों ने किया नजरांदाज, डीएम ने दी चेतावनी
Greater Noida News : निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का निर्धारित समय अवधि में निस्तारण कराने के उद्देश्य से सोमवार को डीएम मनीष कुमार वर्मा के अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक हुई।
बैठक में उपयुक्त उद्योग अनिल कुमार ने डीएम को बताया कि निवेश मित्र पोर्टल पर ग्रेटर नोएडा, नोएडा प्राधिकरण, भूगर्भ जल विभाग तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के सबसे अधिक आवेदन लंबित चल रहे हैं, जिस पर डीएम ने उक्त सभी विभागों के अधिकारी एवं बैठक में उपस्थित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि निवेश मित्र पोर्टल उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वपूर्ण पोर्टल है और इसकी मॉनिटरिंग नियमित शासन स्तर पर होती है व उसी के अनुरूप जनपद की रैंकिंग भी तय होती है। इसलिए अधिकारी निवेश मित्र पोर्टल के महत्व को समझते हुए निवेश मित्र पोर्टल पर आने वाले आवेदनों को निर्धारित समय अवधि में निस्तारित करने की कार्रवाई सुनिश्चित करें। यदि किसी भी विभाग के द्वारा निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों के निस्तारण में कोई भी शिथिलता बरती जाएगी तो संबंधित के विरुद्ध नियम अनुसार विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डीएम ने बैठक में उन विभागों के अधिकारियों को भी निर्देश दिए जिनके द्वारा निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का निस्तारण देरी से किया जा रहा है एवं जिनके सबसे अधिक नेगेटिव फीडबैक प्राप्त हो रहे हैं। डीएम ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, नोएडा प्राधिकरण एवं श्रम विभाग के अधिकारियों से कहा कि निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त आवेदनों का निस्तारण निर्धारित समय अवधि में किया जाए, यदि आवेदक के निस्तारण करने में देरी की जाएगी तो उसका प्रभाव जनपद की रैंकिंग पर पड़ेगा। उन्होंने श्रम विभाग, अग्निशमन विभाग एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों से कहा कि आपके विभागों की निवेश मित्र पोर्टल पर सबसे ज्यादा नेगेटिव फीडबैक प्राप्त हो रहा है, इस पर विशेष फोकस रखें और आवेदनों का निस्तारण निर्धारित समय अवधि में करें ताकि पोर्टल पर नेगेटिव फीडबैक प्राप्त न हो। उन्होंने उपायुक्त उद्योग को निर्देश दिए कि सभी विभागों से निवेश मित्र पोर्टल के लिए नामित किए गए नोडल अधिकारियों का एक ग्रुप तैयार कर उनके विभागों से संबंधित लंबित प्रकरणों का विवरण शेयर कर, उनसे समन्वय करते हुए उनका निस्तारण कराया जाए।